बेंगलुरु, 14 अगस्त 2025।
कन्नड़ फिल्म अभिनेता दर्शन थूगुदीपा को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अदालत ने रेणुकास्वामी हत्याकांड में उन्हें कर्नाटक हाईकोर्ट से मिली जमानत को रद्द करते हुए कहा कि यह राहत “गंभीर कानूनी खामियों” से भरी है और इससे न्याय प्रक्रिया पर खतरा है।
जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने साफ शब्दों में कहा कि हत्या जैसे गंभीर अपराध में जमानत देने से पहले अपराध की प्रकृति, गंभीरता, आरोपी की भूमिका और गवाहों को प्रभावित करने के खतरे पर पर्याप्त विचार जरूरी है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना ही लोकप्रिय या प्रभावशाली क्यों न हो, कानून से ऊपर नहीं है।
इस मामले में 9 जून 2024 को बेंगलुरु में एक प्रशंसक रेणुकास्वामी की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि दर्शन ने अपनी करीबी मित्र और अभिनेत्री पवित्रा गौड़ा को सोशल मीडिया पर कथित रूप से परेशान करने वाले रेणुकास्वामी को सबक सिखाने के लिए कुछ लोगों को पैसे देकर हत्या करवाई। इसके बाद जून 2024 में दर्शन, पवित्रा और उनके साथियों को गिरफ्तार किया गया था।
दिसंबर 2024 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने दर्शन समेत छह आरोपियों को नियमित जमानत दे दी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश “सिर्फ औपचारिक विवेक का इस्तेमाल” था और गवाहों के बयान की जांच जैसे मुद्दे ट्रायल कोर्ट में ही तय होते हैं।
पीठ ने सरकार को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आरोपियों को जेल में “फाइव स्टार ट्रीटमेंट” मिला तो संबंधित जेल अधीक्षक और अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाएगा। यह टिप्पणी उस समय और महत्वपूर्ण हो जाती है जब कुछ समय पहले दर्शन की जेल में सिगरेट पीते और गैंगस्टर जे. नागराज के साथ बैठने की तस्वीर वायरल हुई थी।
जस्टिस पारदीवाला ने इस फैसले को “बहुत विद्वत्तापूर्ण और प्रभावशाली” करार देते हुए कहा, “कोई आदमी कानून से ऊपर नहीं है और कोई कानून से नीचे भी नहीं। कानून का पालन करना अधिकार है, किसी की कृपा नहीं।” अदालत ने निर्देश दिया कि मामले की सुनवाई तेजी से पूरी हो और फैसला कानून के अनुसार सुनाया जाए।
