नई दिल्ली, 14 अगस्त 2025।
जम्मू-कश्मीर की राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि हालिया पहलगाम आतंकी हमले और उससे जुड़ी क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दिसंबर 2023 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने की मांग की गई थी। इस आदेश में कहा गया था कि विधानसभा चुनाव के बाद राज्य का दर्जा “सबसे पहले अवसर पर” बहाल किया जाए। सितंबर-अक्टूबर 2024 में चुनाव हुए और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार बनी, जिसने 42 में से 27 सीटें जीतीं।
याचिकाकर्ताओं ने दो महीने के भीतर राज्य का दर्जा लौटाने की मांग करते हुए देरी को भारत की संघीय संरचना का उल्लंघन बताया। वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायण ने सभी संबंधित याचिकाओं को एक साथ सुनने की अपील की।
सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वे इस पर निर्देश लेंगे, लेकिन जोड़ा, “हमने चुनाव के बाद राज्य का दर्जा बहाल करने का भरोसा दिया था। लेकिन अभी यह समय पानी गंदा करने का नहीं है।”
गौरतलब है कि अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था। तब से कई बार कहा गया कि “उचित समय” पर राज्य का दर्जा बहाल होगा, लेकिन कोई ठोस समयसीमा नहीं दी गई।
उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में सभी दलों को पत्र लिखकर संसद में राज्य का दर्जा बहाल करने का विधेयक लाने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि यह “कोई एहसान नहीं, बल्कि आवश्यक सुधार” है।
चुनावी अभियान में यह मुद्दा प्रमुख था, लेकिन 22 अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकी हमले ने हालात बदल दिए। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेज़िस्टेंस फ्रंट’ के आतंकियों ने धार्मिक पहचान पूछकर 26 लोगों की हत्या कर दी थी। भारत ने पाकिस्तान की भूमिका के सबूत देते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पीओके और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इसके बाद दोनों देशों के बीच 88 घंटे का सैन्य टकराव हुआ, जो पाकिस्तान के युद्धविराम प्रस्ताव के बाद खत्म हुआ।
जुलाई में सुरक्षा बलों ने इस हमले में शामिल तीन आतंकियों को मार गिराया। इसके बावजूद, राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग और सुरक्षा चिंताओं के बीच टकराव का माहौल बना हुआ है।
