“मृत मतदाताओं” संग चाय: राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर तंज, कहा – लोकतंत्र को जारी कर दिया गया ‘मौत का सर्टिफिकेट’

नई दिल्ली, 14 अगस्त 2025।
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को एक अनोखा अनुभव साझा किया — बिहार के सात ऐसे मतदाताओं के साथ चाय पीने का, जिन्हें चुनाव आयोग ने आधिकारिक रूप से “मृत” घोषित कर मतदाता सूची से हटा दिया था।

दिल्ली स्थित अपने आवास पर इन सातों “मृत मतदाताओं” से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा,
“जिंदगी में कई दिलचस्प अनुभव हुए, लेकिन ‘मृत लोगों’ के साथ चाय पीने का मौका कभी नहीं मिला। इस अनोखे अनुभव के लिए धन्यवाद चुनाव आयोग!”

इन सातों मतदाताओं — रामिकबाल राय, हरेंद्र राय, लालमुनी देवी, बच्चिया देवी, लालवती देवी, पुनम कुमारी और मुन्ना कुमार — का संबंध तेजस्वी यादव के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर से है। उनका कहना है कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान उन्हें अचानक पता चला कि चुनाव आयोग ने उन्हें मृत घोषित कर दिया है, जबकि वे जीवित हैं और सभी आवश्यक कागजात जमा कर चुके हैं।

इन मतदाताओं ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में भी अपनी हाजिरी दर्ज कराई, ताकि अपने मतदान अधिकार वापस हासिल कर सकें। सुप्रीम कोर्ट इस समय बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह महज़ clerical गलती नहीं, बल्कि लोकतंत्र से जुड़ा एक गंभीर राजनीतिक अन्याय है। पार्टी का कहना है कि चुनाव आयोग ने मृत, स्थानांतरित या अन्य कारणों से मतदाता सूची से हटाए गए लोगों की सूची सार्वजनिक रूप से जारी नहीं की। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने यह जानकारी केवल अनौपचारिक रूप से प्राप्त आंतरिक रिपोर्ट से हासिल की।

कांग्रेस ने कहा, “जब जीवित को मृत बताया जाता है, तब मौत का प्रमाणपत्र लोकतंत्र को दिया जाता है। बेंगलुरु में ‘वोट चोरी’ का मामला सामने आने के बाद यह स्पष्ट है कि बिहार का SIR भी संदिग्ध है।”

राहुल गांधी ने मुलाकात के दौरान मजाक में इन “मृत” मतदाताओं को दिल्ली घूमने की सलाह भी दी, कहते हुए कि “मरे हुए लोगों से टिकट का किराया भी नहीं लिया जाता” — लेकिन इस व्यंग्य के पीछे मताधिकार से वंचित होने का गंभीर दर्द भी झलक रहा था।