मोहला–मानपुर–अंबागढ़ चौकी (छत्तीसगढ़), 13 अगस्त 2025।
छत्तीसगढ़ के मोहला–मानपुर–अंबागढ़ चौकी जिले के घने जंगल एक बार फिर गोलियों की गूंज से कांप उठे। बुधवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में दो हार्डकोर नक्सली कमांडर मारे गए। इन पर कुल 35 लाख रुपये का इनाम घोषित था। मारे गए नक्सलियों में विजय रेड्डी, दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZCM) का सदस्य, जिस पर 25 लाख का इनाम था, और लोकेश सालामे, डिवीजनल कमेटी सदस्य (DVCM), जिस पर 10 लाख रुपये का इनाम था, शामिल हैं।
पुराना जख्म ताजा करने वाला इलाका
यह मुठभेड़ मदनवाड़ा के पास हुई — वही इलाका, जहां 29 जुलाई 2009 को तत्कालीन राजनांदगांव एसपी विनोद कुमार चौबे समेत 29 पुलिसकर्मी नक्सल हमले में शहीद हो गए थे। इस इलाके में लंबे समय की शांति के बाद फिर से बंदूक की आवाज गूंज उठी।
विजय रेड्डी और लोकेश सालामे का नक्सली सफर
विजय रेड्डी आंध्र प्रदेश कैडर का कुख्यात नक्सली था, जो पिछले 12-14 वर्षों से राजनांदगांव–कांकेर बॉर्डर (RKB डिवीजन) में सक्रिय था। वह नक्सलियों के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन और बुनियादी ढांचे की व्यवस्था का अहम जिम्मेदार था।
लोकेश सालामे 2008 से सक्रिय था। एक समय उसने गढ़चिरौली में आत्मसमर्पण कर दिया था और कांकेर में परिवार संग सामान्य जीवन जीने का दिखावा कर रहा था। लेकिन पुलिस के मुताबिक, वह गुप्त रूप से कोटरी एरिया कमेटी के लिए काम कर रहा था।
खुफिया सूचना और ऑपरेशन की रणनीति
पुलिस को पुख्ता जानकारी मिली थी कि बंडापहाड़ के जंगलों (गांव रेटेगांव और करेकेट्टा के बीच) में कई वरिष्ठ नक्सली नेता मौजूद हैं। यह इलाका कांकेर बॉर्डर से सटा है और लंबे समय से कंपनी नंबर 5 के नक्सलियों के प्रशिक्षण और हथियार भंडारण का ‘फ्री ज़ोन’ बना हुआ था।
जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और इंडो–तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) बटालियन 27 की संयुक्त टीम ने बुधवार सुबह ऑपरेशन शुरू किया। चारों तरफ से इलाके को घेर लिया गया। पास के कैंपों से बैकअप टीमें भी भेजी गईं। भारी बारिश और दुर्गम पहाड़ियों के बीच मुठभेड़ बेहद चुनौतीपूर्ण रही।
वरिष्ठ नक्सलियों की बड़ी बैठक में हमला
सूत्रों के अनुसार, इस इलाके में कांकेर, बस्तर और मानपुर RKB डिवीजन के कई बड़े नक्सली नेता एकत्रित थे। मुठभेड़ में विजय रेड्डी और लोकेश सालामे मौके पर ही मारे गए। दोनों के शव बरामद कर लिए गए हैं और इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है।
यह मुठभेड़ न केवल सुरक्षा बलों के लिए बड़ी सफलता है, बल्कि उस इलाके में नक्सलियों के लंबे समय से कायम दबदबे को भी तगड़ा झटका है।
