रायपुर, 13 अगस्त 2025।
जिला सूरजपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भटगांव में 9 अगस्त को घटित एक गंभीर लापरवाही ने पूरे स्वास्थ्य तंत्र को झकझोर कर रख दिया। ओड़गी विकासखंड की रहने वाली कुन्ती पंडो प्रसव पीड़ा के दौरान अस्पताल पहुंची, लेकिन प्रसव कक्ष में न तो कोई चिकित्सक मौजूद था और न ही कोई स्टाफ। इस कठिन घड़ी में मरीज और परिजनों को अस्पताल की सुनसान गलियों और बंद दरवाजों का सामना करना पड़ा।
घटना की जानकारी मिलते ही जिला स्तरीय समिति ने जांच शुरू की। जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि स्टाफ नर्स शीला सोरेन बिना पूर्व अनुमति के अवकाश पर चली गई थीं, जिसके कारण वे ड्यूटी से अनुपस्थित रहीं। रिपोर्ट में इस कृत्य को कार्य के प्रति गंभीर लापरवाही करार दिया गया। परिणामस्वरूप, उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत तत्काल निलंबित कर दिया गया।
इससे पहले, मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल में पदस्थ आरएचओ (महिला) विक्टोरिया केरकेट्टा को भी निलंबित किया जा चुका है। वहीं, मेडिकल ऑफिसर पर कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मामले का संज्ञान लेते हुए विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि दोषी पाए गए प्रत्येक कर्मचारी और अधिकारी पर बिना देरी के कठोर कार्रवाई की जाए। मंत्री ने यह भी कहा कि “ऐसी लापरवाहियां सीधे लोगों की जान से जुड़ी होती हैं, जिन्हें किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
गांव के लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में पहले भी हुई हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में कार्रवाई अधूरी रह जाती है। इस बार तेज और ठोस कदम उठने से उम्मीद है कि स्वास्थ्य सेवाओं में जिम्मेदारी का भाव बढ़ेगा।
