दुर्ग, 12 अगस्त 2025।
कोड़िया ग्राम पंचायत आज एक अलग ही रौनक से भरी थी। सुबह से ही गांव के लोग – महिलाएं, किसान, मजदूर और युवा – अपने-अपने दस्तावेज लेकर पंचायत भवन की ओर आते दिखाई दे रहे थे। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय, वित्तीय समावेशन विभाग के निर्देशानुसार 1 जुलाई से 30 सितम्बर 2025 तक चल रहे वित्तीय समावेशन योजनाओं के संतृप्ति अभियान के तहत यहां एक दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन हुआ।
यह शिविर बैंक ऑफ बड़ौदा हनोदा शाखा के नेतृत्व में आयोजित किया गया, जिसमें क्षेत्र के लगभग सभी प्रमुख बैंकों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। शिविर का उद्देश्य ग्रामीणों को वित्तीय योजनाओं से जोड़ना, पात्र खाताधारकों का पुनः केवाईसी कराना और जनधन, बीमा व पेंशन योजनाओं का लाभ पहुंचाना था।
रिज़र्व बैंक की क्षेत्रीय निदेशक ने की ग्रामीणों से बातचीत
शिविर का विशेष आकर्षण रहा भारतीय रिज़र्व बैंक रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय की निदेशक श्रीमती रिनी अजीत का दौरा। उन्होंने शिविर स्थल पर पहुंचकर लाभार्थियों और बैंक कर्मियों से सीधे संवाद किया। उन्होंने ग्रामीणों को डिजिटल बैंकिंग में सतर्क रहने, धोखाधड़ी से बचने और समय पर केवाईसी पूरी करने के महत्व के बारे में जागरूक किया।
शिविर में मिला ठोस परिणाम
अग्रणी बैंक प्रबंधक श्री संजय गर्ग के अनुसार, इस शिविर में 264 खातों का पुनः केवाईसी पूरा किया गया, 12 नए जनधन खाते खोले गए, 36 खातों में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, 23 खातों में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और 6 खातों में अटल पेंशन योजना के अंतर्गत पंजीकरण किया गया।
महिला समूहों की सक्रिय भागीदारी
शिविर में कोड़िया और आसपास के गांवों की महिलाएं बड़ी संख्या में आईं। कई महिला स्व-सहायता समूह की सदस्याएं न केवल अपनी योजनाओं का लाभ लेने पहुंचीं, बल्कि अन्य महिलाओं को भी इसके लिए प्रेरित करती रहीं। माहौल को और रोचक बनाने के लिए नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया, जिसमें कलाकारों ने केवाईसी, बीमा, पेंशन और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के महत्व को सरल और रोचक अंदाज में समझाया।
अधिकारियों की उपस्थिति और संदेश
इस अवसर पर भारतीय रिज़र्व बैंक रायपुर से श्री दीपेश तिवारी, बैंक ऑफ बड़ौदा के उप महाप्रबंधक श्री बी. चावड़ा, उप क्षेत्रीय प्रबंधक दुर्ग श्री जयप्रकाश नारायण, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक श्री संजय गर्ग और छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक श्री विपिन सिंह चंदेल उपस्थित रहे। सभी ने वित्तीय समावेशन को समावेशी विकास की दिशा में एक मजबूत कदम बताया और ग्रामीणों से योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाने का आह्वान किया।
कोड़िया ग्राम पंचायत का यह शिविर केवल एक बैंकिंग कैंप नहीं था, बल्कि ग्रामीणों को वित्तीय सुरक्षा, जागरूकता और विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का सशक्त प्रयास था।
