रायपुर, 12 अगस्त 2025।
छत्तीसगढ़ में एक न्यूज पोर्टल द्वारा प्रसारित भ्रामक और तथ्यहीन खबर ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। “13 करोड़ 89 लाख का शाही दफ्तर” और “झूमर” जैसे शब्दों के साथ प्रकाशित इस समाचार को लेकर वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह राज्य सरकार और उनकी छवि को धूमिल करने का सुनियोजित प्रयास है।
मामले का सच सामने आने पर स्पष्ट हुआ कि यह आंकड़ा वास्तविकता से कोसों दूर है। दरअसल, वर्ष 2023-24 के तृतीय अनुपूरक बजट में लोक निर्माण विभाग की सूची में “1389 लाख रुपये” का उल्लेख एक लिपिकीय त्रुटि के कारण हो गया था, जबकि वास्तविक राशि केवल “13.89 लाख रुपये” थी। प्रमुख अभियंता ने 12 फरवरी 2024 को विधानसभा सत्र के दौरान इस गलती की जानकारी सरकार को लिखित रूप में दी थी।
इसके बाद 14 फरवरी 2024 को दोपहर 12:03 बजे विधानसभा में संशोधन सूचना पढ़ी गई और आधिकारिक रूप से राशि “13.89 लाख रुपये” कर दी गई। यह संशोधन रिकॉर्ड में दर्ज है और इसकी पुष्टि के लिए विधानसभा की लाइब्रेरी में वीडियो और दस्तावेज मौजूद हैं।
इन सभी प्रमाणों के बावजूद पुराना और गलत आंकड़ा दिखाकर खबर चलाने से वित्त मंत्री और सरकार की साख पर सवाल उठाने की कोशिश की गई। श्री चौधरी ने कहा, “कार्यालय निर्माण से पहले आगंतुकों को गैरेज या खुले में धूप-बारिश में बैठना पड़ता था। अब यह भवन जनसुविधा के लिए बना है, जहां हजारों लोग बैठ चुके हैं। ‘1389 लाख’ और ‘झूमर’ जैसी बातें पूरी तरह भ्रामक हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले में वकीलों से वैधानिक कार्रवाई के विकल्पों पर चर्चा हो रही है। सरकार का कहना है कि गलत जानकारी फैलाना न सिर्फ जनमानस को गुमराह करता है, बल्कि लोकतांत्रिक संस्थाओं की गरिमा को भी ठेस पहुंचाता है।
