सारंगढ़ को 186 करोड़ की सौगात, 33/11 केवी उपकेंद्र समेत कई विकास कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन

रायपुर, 11 अगस्त 2025। सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले को आज विकास कार्यों की बड़ी सौगात मिली। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोमवार को सारंगढ़ के शासकीय महाविद्यालय मैदान में आयोजित भव्य कार्यक्रम में 186 करोड़ रुपये के विकास एवं निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इसमें 96 करोड़ रुपये के पूर्ण हो चुके कार्यों का लोकार्पण और 90 करोड़ रुपये के नए कार्यों का भूमिपूजन शामिल है।

कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, मंत्री केदार कश्यप, ओपी चौधरी, टंकराम वर्मा, सांसद राधेश्याम राठिया, कमलेश जांगड़े, देवेन्द्र प्रताप सिंह, विधायक उत्तरी गणपत जांगड़े, कविता प्राण लहरे और अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने सारंगढ़ कलेक्टोरेट परिसर में 1.85 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र का लोकार्पण किया। इसके साथ ही उन्होंने 13.51 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित चन्द्रपुर-सरिया-कंचनपुर सड़क, 17.48 करोड़ रुपये की लागत से बरमकेला-कटंगीपाली सड़क उन्नयन, 14.55 करोड़ रुपये से 22 ग्रामों में हुए कार्य, 23.92 करोड़ रुपये से बरमकेला के 33 गांवों और 23.16 करोड़ रुपये से बिलाईगढ़ के 15 गांवों में जल जीवन मिशन के तहत बने कार्यों का उद्घाटन किया।

स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री ने जिला चिकित्सा सारंगढ़ में 41.64 लाख रुपये से बनने वाले 20 बिस्तरों के अतिरिक्त वार्ड, प्रतीक्षा कक्ष और दवा वितरण कक्ष का भूमिपूजन किया।

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने जिला खनिज न्यास संस्थान मद और अन्य योजनाओं के तहत बोरिदा-ठेंगागुड़ी तोरा, नवघट्टा-पीहरा, दुलुमपुर-गोबरसिंघा, बोंदा-नवघट्टा, सांकरा-राबो, बोंदा-भीखमपुरा, रैबो-आमाबोराई, सारंगढ़ मेनरोड-डूमरसिंघा, हसौद-सरसींवा-सराईपाली, कोसमुंडा पहुंचमार्ग, तौलीडीह-साल्हेओना और खपरापाली-लांधिया सहित कई सड़कों के निर्माण व उन्नयन कार्यों की आधारशिला रखी।

ग्राम गौरवपथ योजना के अंतर्गत कई मोहल्लों और गांवों में सीसी सड़क एवं नाली निर्माण का भी भूमिपूजन किया गया। वहीं, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना और पीएमश्री योजना के तहत सड़कों, स्कूलों में अतिरिक्त कक्ष, बोरवेल और वाटर हार्वेस्टिंग जैसी परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ विकास कार्यों की शुरुआत नहीं, बल्कि सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले को आत्मनिर्भर और बेहतर बुनियादी ढांचे से लैस करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।