आंध्र प्रदेश के प्राकासम जिले में बंधुआ मजदूरी से 40 श्रमिकों की रिहाई, बच्चों समेत ओडिशा और छत्तीसगढ़ के लोग शामिल

जगदलपुर, 7 अगस्त 2025
आंध्र प्रदेश के प्राकासम जिले के तंगुतूर मंडल स्थित दो श्रिम्प उद्योगों से ओडिशा और छत्तीसगढ़ के 40 बंधुआ श्रमिकों, जिनमें कई नाबालिग भी शामिल थे, को मुक्त कराया गया है। यह कार्रवाई स्थानीय प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं के समन्वय से अंजाम दी गई।

जिला कलेक्टर ए. तमिम अंसारिया ने मंगलवार को ओंगोल स्थित अपने कैंप कार्यालय में सभी मुक्त मजदूरों को राहत प्रमाण पत्र सौंपे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि श्रमिकों को कानूनी प्रावधानों के तहत मुआवजा दिया जाए और उन्हें सुरक्षित रूप से उनके गृह राज्य तक पहुंचाया जाए।

छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले से आए अधिकारियों की निगरानी में एक विशेष बस से इन सभी श्रमिकों को उनके गांव भेजा जा रहा है।

मध्यस्थ ने दिया था झूठा लालच
मुक्त कराए गए 17 श्रमिक ओडिशा से और 23 छत्तीसगढ़ से हैं। उन्हें एक मध्यस्थ के द्वारा बेहतर रोजगार का झांसा देकर इन श्रिम्प इकाइयों में लाया गया था। लेकिन उन्हें न पर्याप्त भोजन, न रहने की व्यवस्था, और न ही वेतन दिया गया।

कानूनी कार्रवाई की पुष्टि
ओंगोल की राजस्व प्रभागीय अधिकारी (RDO) के. लक्ष्मी प्रसन्ना ने बताया कि बंधुआ मजदूरी, बाल श्रम और न्यूनतम मजदूरी कानूनों के उल्लंघन के तहत संबंधित उद्योगों पर मामले दर्ज किए जाएंगे।

इस रेस्क्यू ऑपरेशन में बस्तर जिला कलेक्टर से मिली सूचना के बाद स्थानीय प्रशासन, एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS), जिला बाल संरक्षण अधिकारी और NGO – सोशल एक्टिविटीज फॉर रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी ने मिलकर अहम भूमिका निभाई।

इस कार्रवाई से एक बार फिर यह स्पष्ट हुआ है कि गरीब और आदिवासी समुदाय के श्रमिकों को झूठे वादों में फंसाकर बंधुआ मजदूरी के चक्रव्यूह में धकेला जाता है।