दुर्ग, 7 अगस्त 2025 —
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ में कथित 500 करोड़ रुपये के मेडिकल सप्लाई घोटाले की जांच के तहत बुधवार को रायपुर, दुर्ग और आसपास के क्षेत्रों में 18 ठिकानों पर छापेमारी की। यह घोटाला मोक्शित कॉर्पोरेशन, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (CGMSC) और स्वास्थ्य सेवाएं निदेशालय (DHS) के वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है।
ईडी ने इन छापों को मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के अंतर्गत कथित वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच के सिलसिले में अंजाम दिया है।
2023 में हुए मेडिकल उपकरण और रसायनों की खरीद में घोटाले का आरोप
जांच में सामने आया है कि वर्ष 2023 के दौरान मेडिकल उपकरण और रसायनों की खरीद में भारी गड़बड़ियां हुईं। सूत्रों के अनुसार, CGMSC अधिकारियों की मिलीभगत से निर्धारित दर समझौते (rate contract) के बाद निजी आपूर्तिकर्ताओं को लगभग 500 करोड़ रुपये के खरीद आदेश जारी किए गए।
बताया जा रहा है कि इस पूरे प्रकरण से राज्य सरकार को करीब 550 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
कई अधिकारी और कारोबारी रडार पर
ED की टीम ने CGMSC और DHS से जुड़े अधिकारियों, मेडिकल सप्लायरों और अन्य संबंधित लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की। कार्रवाई का मकसद फर्जी खरीद प्रक्रिया, वित्तीय लेनदेन में गड़बड़ी और निजी कंपनियों तथा सरकारी अधिकारियों के बीच सांठगांठ के सबूत जुटाना है।
प्रारंभिक जांच में बड़े खुलासे की संभावना
सूत्रों के अनुसार, छापेमारी के दौरान कई अहम दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए हैं। माना जा रहा है कि जांच के आगे बढ़ने पर इसमें और बड़े नाम सामने आ सकते हैं और कई अधिकारियों की भूमिका कठघरे में आ सकती है।
छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े इस घोटाले ने शासन और प्रशासन में पारदर्शिता को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।
