मुंबई, 6 अगस्त 2025:
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की द्विमासिक बैठक में रेपो रेट को 5.5% पर यथावत बनाए रखने का फैसला किया है। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी के बाद भारतीय रुपया दबाव में है। बीते दिन रुपये में 16 पैसे की गिरावट दर्ज की गई थी।
🏦 मौद्रिक नीति में ‘न्यूट्रल स्टांस’ बरकरार
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बैठक के बाद बताया कि बैंक ने “न्यूट्रल स्टांस” को जारी रखने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि टैरिफ को लेकर अनिश्चितता अभी भी बनी हुई है और मौद्रिक नीति का ट्रांसमिशन प्रक्रिया में है।
संजय मल्होत्रा – “हम आर्थिक आंकड़ों पर निकटता से नजर रख रहे हैं और जरूरत पड़ने पर उचित कदम उठाए जाएंगे,”
🌍 वैश्विक चुनौतियों पर आरबीआई का नजरिया
गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि कुछ भूराजनीतिक तनावों में कमी आई है, लेकिन वैश्विक व्यापार को लेकर चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था मध्यम अवधि में सकारात्मक संभावनाएं रखती है, लेकिन विश्व स्तर पर नीतिनिर्माताओं को मंदी और धीमी मुद्रास्फीति की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
📉 मुद्रास्फीति पर अपडेट
- हेडलाइन मुद्रास्फीति में गिरावट दर्ज की गई है, जो मुख्यतः खाद्य कीमतों की अस्थिरता के कारण है।
- हालाँकि, जनवरी-मार्च तिमाही में यह दर 4% के ऊपर जा सकती है।
- कोर मुद्रास्फीति, जिसमें खाद्य और ऊर्जा को शामिल नहीं किया जाता, जून में थोड़ी बढ़ी है। इसका कारण सोने की कीमतों में वृद्धि बताया गया है।
- कोर मुद्रास्फीति पूरे वर्ष 4% से थोड़ा ऊपर रहने की संभावना जताई गई है।
📈 ग्रोथ को समर्थन देने की दिशा में उपाय
गवर्नर ने यह भी आश्वासन दिया कि आरबीआई विकास को समर्थन देने के लिए अग्रगामी कदम उठा रहा है और बैंक की नीति संतुलित दृष्टिकोण पर आधारित है।
