भारत बनाम इंग्लैंड ओवल टेस्ट: रोमांच, जज़्बा और छह रन की ऐतिहासिक जीत

लंदन, ओवल स्टेडियम 5 अगस्त 2025– भारत और इंग्लैंड के बीच पांचवें टेस्ट मैच का अंतिम दिन क्रिकेट इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा। सोमवार सुबह के 57 मिनट ने 25 दिनों की टेस्ट सीरीज़ के रोमांच को एक ऐसे मुकाम पर पहुँचा दिया जहाँ खेल, भावना और नाटक – तीनों का चरम देखने को मिला।

इस ऐतिहासिक टेस्ट में भारत ने इंग्लैंड को मात्र 6 रन से हराकर न केवल मैच जीता, बल्कि सीरीज़ को 2-2 से बराबरी पर समाप्त किया। यह इंग्लैंड में भारत की सबसे कम अंतर से टेस्ट जीत है, और पिछले 20 वर्षों में इंग्लैंड की ज़मीन पर इतनी करीबी हार या जीत शायद ही देखी गई हो।


अंतिम दिन का रोमांच

भारत को जीत के लिए चाहिए थे सिर्फ 4 विकेट और इंग्लैंड को चाहिए थे 35 रन। ओवल स्टेडियम पूरी तरह से भर चुका था, दर्शकों की उत्सुकता चरम पर थी। लेकिन जैसे ही जेमी स्मिथ और फिर जेमी ओवर्टन आउट हुए, खेल भारत की पकड़ में आता गया।

क्रिस वोक्स, जिनका कंधा रविवार शाम को डिसलोकेट हो गया था, फिर भी मैदान में उतरे। वह ‘वन-आर्म वॉरियर’ बनकर 22 गज की दौड़ पूरी करते रहे, लेकिन जब आखिरी बल्लेबाज गस एटकिन्सन छह रन के लिए बड़ा शॉट खेलने गए, तो गेंद स्टंप्स से टकरा गई – और पूरा ओवल भारतीय जीत की गूंज से भर गया।


मोहम्मद सिराज: भारत की आत्मा

इस मैच के असली हीरो रहे मोहम्मद सिराज – जिन्होंने मैदान पर न सिर्फ शानदार गेंदबाज़ी की बल्कि उस जज़्बे को भी दिखाया जिसकी मिसाल कम ही मिलती है। उनके लगातार स्पैल और ऊर्जा ने भारत को अंत तक जिंदा रखा।

जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में सिराज ने वो ज़िम्मेदारी बखूबी निभाई जिसकी भारत को जरूरत थी।


इंग्लैंड की दिलेरी और अफसोस

इंग्लैंड के लिए यह मैच भी गर्व और निराशा दोनों का प्रतीक रहा। उन्होंने 374 रन का पीछा करते हुए लगभग असंभव को संभव बना दिया। लेकिन कैच छूटना, DRS कॉल में संदेह और नर्वस मोमेंट्स ने उन्हें जीत से दूर कर दिया।

क्रिस वोक्स के जज़्बे ने हर किसी का दिल छू लिया। यह भी मुमकिन है कि यह उनका आखिरी टेस्ट हो – लेकिन जो छाप उन्होंने छोड़ी, वह अमिट रहेगी।


बाज़बॉल की अग्नि परीक्षा

ब्रेंडन मैकुलम और बेन स्टोक्स की अगुवाई में शुरू हुई ‘बाज़बॉल’ शैली ने टेस्ट क्रिकेट में नया जोश भरा है, लेकिन बड़ी सीरीज़ जीतना अभी बाकी है। 2023 की एशेज और अब भारत के खिलाफ दोनों सीरीज़ ड्रॉ रही हैं।

नवंबर में ऑस्ट्रेलिया दौरे के साथ इंग्लैंड के पास अगली बड़ी चुनौती होगी। क्या तब बाज़बॉल कोई ट्रॉफी दिला पाएगा?


निष्कर्ष

भारत ने साबित कर दिया कि युवा खिलाड़ियों के जोश और कभी न हार मानने वाली सोच से वे किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं। टेस्ट क्रिकेट जिंदा है – और जब भारत-इंग्लैंड खेलते हैं, तो वह और भी ज़्यादा रोमांचक हो जाता है।