नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल 2025: ओलंपिक 2036 की तैयारी में खेल प्रणाली को सुधारने की दिशा में बड़ा कदम

नई दिल्ली।
2036 में प्रस्तावित समर ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए भारत की खेल प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता लाने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल, 2025 (National Sports Governance Bill, 2025) को लोकसभा में पेश किया है, जिसे अगले सप्ताह संसद में चर्चा के लिए लिया जाएगा।

इस विधेयक का उद्देश्य भारतीय खेल संघों और निकायों में सुशासन, पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रदर्शन आधारित नीतियों को लागू करना है, जिससे खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण, संसाधन और अवसर मिल सकें।

📌 क्या है बिल का उद्देश्य?

बिल की प्रस्तावना में स्पष्ट रूप से लिखा गया है:
“2036 समर ओलंपिक की तैयारी के लिए यह आवश्यक है कि खेल प्रशासन में सकारात्मक बदलाव आए जिससे बेहतर परिणाम सामने आएं।”

इस विधेयक के जरिए सरकार का लक्ष्य है कि:

  • खेल संघों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़े।
  • खिलाड़ियों को नीतिगत समर्थन मिले।
  • पदाधिकारियों की अवधि और कार्य प्रणाली निर्धारित की जाए।
  • राजनीतिक दखल को सीमित किया जाए।
  • खिलाड़ियों के कल्याण और भविष्य की योजना पर विशेष ध्यान दिया जाए।

🤝 प्रशंसा और आपत्तियाँ दोनों

कुछ राष्ट्रीय खेल महासंघों ने इस बिल का स्वागत करते हुए इसे “दूरदर्शी और परिवर्तनकारी कदम” बताया है। उनके अनुसार, यह बिल भारत को वैश्विक खेल मानचित्र पर प्रतिस्पर्धात्मक रूप से मज़बूत बनाने में मदद करेगा।

हालांकि, कुछ अन्य खेल संघों ने इस पर संदेह जताते हुए कहा है कि यह विधेयक कहीं संघों की स्वायत्तता को प्रभावित न कर दे। उनके अनुसार, यदि सरकारी दखल अधिक हुआ, तो यह खेलों के स्वतंत्र संचालन में बाधा बन सकता है।

🗣️ खेल मंत्री की प्रतिक्रिया

खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने स्पष्ट किया कि,
“यह विधेयक खिलाड़ियों के हित में है और इसका उद्देश्य किसी भी खेल निकाय की स्वायत्तता को समाप्त करना नहीं, बल्कि उन्हें जवाबदेह बनाना है। भारत को खेल महाशक्ति बनाने के लिए यह जरूरी है कि हमारा तंत्र मजबूत और पारदर्शी हो।”

🔍 2036 ओलंपिक और भारत की दृष्टि

भारत ने 2036 ओलंपिक की मेज़बानी की आधिकारिक इच्छा व्यक्त की है, और इस संदर्भ में यह विधेयक एक रणनीतिक कड़ी माना जा रहा है। यदि भारत को मेज़बानी मिलती है, तो यह न केवल देश की वैश्विक प्रतिष्ठा को बढ़ाएगा बल्कि खेल क्षेत्र में बड़े निवेश और युवाओं को प्रेरणा देगा।