जशपुर, 5 अगस्त 2025 — छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में प्रशासन और नव गुरुकुल की संयुक्त पहल से एक सराहनीय अभियान शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य है—12वीं पास लड़कियों को तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा देकर आत्मनिर्भर बनाना। इस योजना के तहत छात्राओं को सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग, ग्राफिक डिजाइन, फाइनेंस, बिजनेस मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में निःशुल्क स्किल ट्रेनिंग दी जा रही है।
यह प्रशिक्षण जशपुर के लाइवलीहुड कॉलेज में पूरी तरह निवासीय (रेजिडेंशियल) व्यवस्था के साथ संचालित किया जा रहा है, जिसमें रहने की सुविधा, भोजन, लैपटॉप, और अन्य बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति की जा रही है।
लड़कियों को मिल रही नई पहचान
इस योजना की लाभार्थी एक छात्रा ने बताया, “पैसों की कमी के कारण मैं पढ़ाई छोड़ने वाली थी। लेकिन मेरे पिता को जब नव गुरुकुल योजना के बारे में पता चला, तो उन्होंने मुझे तकनीकी कोर्स करने के लिए प्रेरित किया। आज प्रशासन की मदद से मुझे रहने, खाने और पढ़ने के लिए सब कुछ मिल रहा है।”
यह पहल उन गरीब और वंचित वर्ग की छात्राओं के लिए एक नई उम्मीद की किरण बनकर उभरी है, जिनके पास आगे की पढ़ाई के लिए संसाधनों की कमी थी।
योजना का उद्देश्य और दायरा
प्रशासन और नव गुरुकुल द्वारा चलाई जा रही इस योजना का मुख्य उद्देश्य है—छात्राओं को ऐसे क्षेत्रों में दक्ष बनाना, जिनकी बाजार में मांग है और जिनके माध्यम से वे स्वावलंबी जीवन जी सकें।
स्किल ट्रेनिंग में शामिल प्रमुख क्षेत्र:
- सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग
- ग्राफिक डिजाइन
- फाइनेंस
- बिजनेस मैनेजमेंट
- शिक्षा क्षेत्र से संबंधित प्रशिक्षण
इस कोर्स की सम्पूर्ण लागत सरकार और नव गुरुकुल द्वारा वहन की जा रही है। यह पहल राज्य में डिजिटल साक्षरता, महिला सशक्तिकरण, और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
IIM रायपुर का योगदान
इसी क्रम में, भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) रायपुर द्वारा हरित अर्थव्यवस्था (Green Economy) पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में यह चर्चा हुई कि प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुंचाए बिना आर्थिक विकास कैसे किया जा सकता है।
इस प्रयास का उद्देश्य छात्रों और नीति-निर्माताओं को पर्यावरण-अनुकूल विकास की दिशा में प्रेरित करना है।
यह पहल छत्तीसगढ़ को एक तकनीकी, पर्यावरण-संवेदनशील और समावेशी समाज की दिशा में ले जाने वाला महत्वपूर्ण कदम है।
