रायपुर, 4 अगस्त 2025:
छत्तीसगढ़ सरकार ने हॉफ बिजली बिल योजना में एक युक्तियुक्त और जनहितकारी संशोधन करते हुए घोषणा की है कि अब 100 यूनिट तक की मासिक बिजली खपत पर 50 प्रतिशत की रियायत दी जाएगी। हालांकि, 15 लाख बीपीएल परिवारों को पहले की तरह 30 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलती रहेगी, साथ ही वे अन्य सभी लाभों के लिए भी पात्र रहेंगे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बताया कि यह संशोधन एक समावेशी और आत्मनिर्भर ऊर्जा नीति की दिशा में किया गया कदम है, जिससे गरीब, सामान्य और मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं को लाभ के साथ सौर ऊर्जा की ओर प्रोत्साहन मिलेगा।
📊 31 लाख उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ
राज्य में कुल 45 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें से 31 लाख परिवार ऐसे हैं जिनकी खपत 100 यूनिट प्रतिमाह से कम है। यह बदलाव इस बड़े वर्ग को पूर्ववत् लाभान्वित बनाए रखेगा।
इन 31 लाख में शामिल 15 लाख बीपीएल परिवारों को 30 यूनिट तक मुफ्त बिजली के साथ हॉफ बिजली योजना के सभी फायदे मिलते रहेंगे।
☀️ प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना: आत्मनिर्भरता की ओर ठोस कदम
छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को भी तेजी से लागू कर रही है, जिसके तहत रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने वाले उपभोक्ताओं को ₹1.08 लाख तक की सब्सिडी मिल रही है।
📌 सब्सिडी का विवरण:
क्षमता | औसत उत्पादन | केंद्र सब्सिडी | राज्य सब्सिडी | कुल सहायता | उपभोक्ता योगदान |
---|---|---|---|---|---|
1 kW | 120 यूनिट/माह | ₹30,000 | ₹15,000 | ₹45,000 | ₹15,000 |
2 kW | 240 यूनिट/माह | ₹60,000 | ₹30,000 | ₹90,000 | ₹30,000 |
3 kW | 360 यूनिट/माह | ₹78,000 | ₹30,000 | ₹1,08,000 | ₹72,000 |
उपभोक्ता यह राशि सरल ब्याज दर पर ऋण के माध्यम से भी चुका सकते हैं, जिससे मासिक किस्त बिजली बिल से भी कम हो सकती है।
🔌 मुफ्त बिजली से भी आगे: ग्रिड में अतिरिक्त बिजली, अतिरिक्त आमदनी
2 किलोवॉट या अधिक क्षमता का प्लांट लगाने वाले उपभोक्ता 25 वर्षों तक हर महीने 200 यूनिट से अधिक बिजली उत्पन्न कर सकते हैं।
वे घर में उपयोग के बाद अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजकर आमदनी भी अर्जित कर सकते हैं, जिससे वे बिजली उपभोक्ता से उर्जादाता बनेंगे।
🌱 सस्ती बिजली, स्थायी बचत और पर्यावरण संरक्षण
यह योजना न केवल मुफ्त या सस्ती बिजली सुनिश्चित करती है, बल्कि उपभोक्ताओं को ऊर्जा आत्मनिर्भरता, दीर्घकालिक बचत और पर्यावरणीय उत्तरदायित्व निभाने की ओर प्रेरित करती है।
छत्तीसगढ़ का यह कदम राज्य को स्वच्छ ऊर्जा और आर्थिक सशक्तिकरण के पथ पर अग्रसर करता है।
