रायपुर, 4 अगस्त 2025:
छत्तीसगढ़ सरकार ने हाफ बिजली बिल योजना में बड़ा संशोधन करते हुए उपभोक्ताओं को दी जाने वाली रियायत की सीमा में कटौती कर दी है। पहले जहां 400 यूनिट तक की खपत पर छूट दी जाती थी, वहीं अब यह छूट सिर्फ 100 यूनिट तक की खपत पर 50 प्रतिशत तक सीमित कर दी गई है। यह संशोधन आगामी बिजली बिलों में परिलक्षित होगा।
राज्य सरकार के अनुसार, यह निर्णय बिजली सब्सिडी के बोझ को संतुलित करने और ऊर्जा आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
📊 70% उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ
राज्य में कुल 45 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें से लगभग 31 लाख उपभोक्ता ऐसे हैं जिनकी मासिक खपत 100 यूनिट से कम है। इन उपभोक्ताओं को नई संशोधित हाफ बिजली बिल योजना का लाभ मिलेगा।
इनमें से लगभग 15 लाख बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवार शामिल हैं, जिन्हें पूर्ववत् पूरी छूट मिलती रहेगी। यानी बीपीएल उपभोक्ताओं के लिए योजना में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
☀️ सौर ऊर्जा की ओर बढ़ते कदम: रूफटॉप सोलर प्लांट पर सब्सिडी
राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को तेजी से लागू करने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत:
- 3 किलोवॉट या उससे अधिक क्षमता के सोलर रूफटॉप प्लांट लगाने पर
🔹 केंद्र सरकार से ₹78,000
🔹 राज्य सरकार से ₹30,000
🔹 कुल ₹1,08,000 की सब्सिडी दी जा रही है। - 2 किलोवॉट क्षमता वाले प्लांट पर 90,000 रुपये (75%) तक का अनुदान मिलेगा, जिससे उपभोक्ता हर महीने 200 यूनिट से अधिक बिजली खुद उत्पन्न कर सकते हैं।
🏠 मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए राहत
सरकार का मानना है कि बिजली सब्सिडी और सौर ऊर्जा योजना से गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को आर्थिक राहत मिलेगी, साथ ही वे ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेंगे। यह कदम स्वच्छ ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ बिजली बिलों पर होने वाले खर्च में लंबी अवधि में बचत सुनिश्चित करेगा।
📌 निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ सरकार का यह निर्णय जहां एक ओर बिजली सब्सिडी को यथार्थवादी बना रहा है, वहीं दूसरी ओर सोलर एनर्जी को अपनाने के लिए बड़े स्तर पर प्रोत्साहन भी दे रहा है। ऐसे में राज्य का ऊर्जा भविष्य अब जनता के हाथों में होगा — ज्यादा उत्पादन, कम खर्च और हर घर में सौर बिजली।
