महादेवी को वापस लाने की मांग को लेकर कोल्हापुर में हजारों लोगों ने निकाली मौन पदयात्रा

कोल्हापुर, 04 अगस्त 2025 — कोल्हापुर में रविवार को 36 वर्षीय हथिनी महादेवी (उर्फ माधुरी) को गुजरात के जामनगर स्थित वनतारा वन्यजीव पुनर्वास केंद्र से वापस लाने की मांग को लेकर हजारों लोगों ने मौन पदयात्रा निकाली। यह यात्रा सुबह 5 बजे नंदनी से शुरू हुई और जिला कलेक्टर कार्यालय तक पहुंची, जहां प्रशासन को एक स्मरण पत्र सौंपा गया

इस पदयात्रा का नेतृत्व पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने किया, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी समर्थन दिया। शेट्टी ने कहा, “माधुरी जब ले जाई जा रही थी तो उसकी आंखों में आंसू थे। उसे इसलिए ले जाया गया क्योंकि वह सुंदर है, जबकि वहां पहले से ही 225 हथिनियां हैं।”

महादेवी की वापसी की मांग तेज

श्री जिनसेन भट्टारक पत्ताचार्य महास्वामी जैन मठ, नंदनी में तीन दशकों से रह रही महादेवी को हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के तहत वनतारा के राधे कृष्ण टेम्पल एलिफेंट वेलफेयर ट्रस्ट, जामनगर भेजा गया। यह कदम एक एनजीओ द्वारा महाराष्ट्र वन विभाग और सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त हाई पावर्ड कमेटी (HPC) को उसकी स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति को लेकर जताई गई चिंता के बाद उठाया गया।

कोर्ट ने दी थी भेजने की मंजूरी

बॉम्बे हाई कोर्ट ने 16 जुलाई को आदेश दिया था कि महादेवी को वनतारा में पुनर्वासित किया जाए, जिसे 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने भी मंजूरी दे दी।

वनतारा की देखरेख में महादेवी

वनतारा ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर बताया कि महादेवी की देखभाल बेहद संवेदनशील और उसके अनुसार की जा रही है। “यह सिर्फ उपचार नहीं है, यह उसे सहज महसूस कराने, अपनी गति से जीवन जीने देने और सम्मान देने की प्रक्रिया है,” पोस्ट में कहा गया।

राजनीतिक समर्थन में भी बढ़ोतरी

भाजपा सांसद धनंजय महाडिक ने भी हथिनी की वापसी की मांग को लेकर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा।

विवाद और इतिहास

महादेवी को 1992 में कर्नाटक से लाकर कोल्हापुर के मठ में रखा गया था। 2017 में उस पर आरोप लगा था कि उसने मुख्य पुजारी को दीवार से पटक-पटक कर मार डाला था।

इस पूरे मामले ने अब भावनात्मक और सांस्कृतिक रूप ले लिया है, और महादेवी की वापसी को लेकर जनदबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।