बेंगलुरु, 3 अगस्त 2025 –
कर्नाटक के बेलगावी जिले के हुलीकट्टी गांव स्थित एक सरकारी स्कूल की पानी की टंकी में ज़हर मिलाने की सुनियोजित साजिश का खुलासा हुआ है। यह कृत्य मुस्लिम प्रधानाध्यापक सुलेमान गोरीनायक को बदनाम कर उनके स्थानांतरण की साजिश के तहत किया गया था। यह घटना 14 जुलाई को हुई थी, जिसकी जांच के बाद पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक दक्षिणपंथी संगठन श्रीराम सेना का स्थानीय नेता भी शामिल है।
👨🏫 प्रधानाध्यापक को हटाने के लिए ज़हरीली साजिश
पुलिस के अनुसार, स्कूल में 13 वर्षों से कार्यरत प्रधानाध्यापक सुलेमान गोरीनायक को पद से हटाने और उनकी छवि खराब करने की मंशा से यह साजिश रची गई थी।
स्कूल की पानी की टंकी से पानी पीने के बाद 12 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई, जिन्हें तुरंत इलाज के लिए ले जाया गया। स्वास्थ्य अधिकारियों ने पुष्टि की कि बच्चे अब स्वस्थ हैं।
🔍 बच्चे के जरिए कराया गया ज़हर मिलाने का काम
जांच के दौरान यह सामने आया कि एक पांचवीं कक्षा के छात्र ने टंकी में ज़हर मिलाया था। पूछताछ में बच्चे ने बताया कि उसे एक बोतल दी गई थी, जिसे कृष्णा मदार नामक व्यक्ति ने उसे देकर टंकी में उड़ेलने को कहा था।
पुलिस जांच में आगे खुलासा हुआ कि कृष्णा मदार ने यह काम ब्लैकमेलिंग के दबाव में किया। उसे सागर पाटिल और नगणगौड़ा पाटिल द्वारा उसके अंतरजातीय प्रेम संबंध को उजागर करने की धमकी देकर मजबूर किया गया था।
⚖️ गिरफ्तारियां और मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
इस मामले में सागर पाटिल (श्रीराम सेना का तालुक अध्यक्ष), नगणगौड़ा पाटिल और कृष्णा मदार को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में सागर पाटिल ने स्वीकार किया कि वह स्कूल में एक मुस्लिम प्रधानाध्यापक की नियुक्ति से नाराज़ था।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने इसे धार्मिक कट्टरता और नफरत से प्रेरित एक अमानवीय अपराध बताया और कहा कि यह सांप्रदायिक सौहार्द के लिए गंभीर खतरा है।
“श्रीराम सेना के तालुक अध्यक्ष द्वारा मासूम बच्चों की जान को खतरे में डालना और प्रधानाध्यापक को हटाने के लिए ज़हर मिलाना निंदनीय है। सौभाग्य से किसी की जान नहीं गई, लेकिन यह घटना दर्शाती है कि धार्मिक उन्माद कितना खतरनाक हो सकता है।”
