भुवनेश्वर, 2 अगस्त 2025 —
करीब एक दशक से चले आ रहे महानदी जल विवाद में अब समाधान की उम्मीदें जगी हैं। ओडिशा और छत्तीसगढ़ सरकारों ने आपसी सहमति से विवाद को सुलझाने की पहल शुरू की है, जिसे देखते हुए महानदी जल विवाद ट्रिब्यूनल ने समझौता वार्ता के लिए अतिरिक्त समय देने का फैसला किया है।
शनिवार को हुई सुनवाई में ट्रिब्यूनल की अध्यक्ष जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी ने कहा कि अगली सुनवाई में दोनों राज्यों के संबंधित सचिवों को ट्रिब्यूनल के समक्ष प्रस्तुत होकर वार्ता की प्रगति से अवगत कराना होगा। अगली सुनवाई 6 सितंबर को निर्धारित की गई है।
राजनीतिक स्तर पर बातचीत की प्रगति
ओडिशा के एडवोकेट जनरल पितांबर आचार्य ने ट्रिब्यूनल को जानकारी दी कि मुख्य सचिव और राजनीतिक स्तर पर दोनों राज्यों के बीच बातचीत प्रारंभ हो चुकी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगर दोनों मुख्यमंत्रियों की सकारात्मक सोच रही, तो समाधान संभव है।
आचार्य ने ट्रिब्यूनल के समक्ष 25 जुलाई को भेजे गए पत्र, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक की कार्यवाही, और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को भेजे गए समझौता प्रस्ताव की प्रति भी प्रस्तुत की।
इसके जवाब में मुख्यमंत्री साय ने भी पत्र के माध्यम से समाधान की इच्छा जताई है और कहा है कि मामला विचाराधीन है।
केंद्र सरकार की मध्यस्थता
एडवोकेट जनरल आचार्य ने बताया कि गृह मंत्री और जल शक्ति मंत्री को भी इस मुद्दे पर जानकारी दी गई है, और दोनों मुख्यमंत्रियों की सहमति से जल्द समाधान की आशा जताई जा रही है।
उन्होंने कहा, “इतिहास गवाह है कि कोई भी अंतर-राज्यीय जल विवाद पूरी तरह ट्रिब्यूनल के जरिये नहीं सुलझा है। छह साल में सिर्फ एक गवाह पेश हुआ है। अगर ट्रिब्यूनल 10 साल और चले तो भी समाधान मुश्किल है।”
विवाद की पृष्ठभूमि
2016 में ओडिशा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद मार्च 2018 में महानदी जल विवाद ट्रिब्यूनल का गठन हुआ। ओडिशा का आरोप है कि छत्तीसगढ़ द्वारा ऊपरी क्षेत्र में बांध और बैराज बनाने से महानदी का प्राकृतिक प्रवाह बाधित हुआ है, जिससे राज्य के निचले हिस्सों में खेती और जीवनयापन पर प्रतिकूल असर पड़ा है।
अब जब दोनों राज्यों में समान राजनीतिक पार्टी की सरकार है और केंद्र की भूमिका भी स्पष्ट है, तो उम्मीद की जा रही है कि इस पुराने विवाद को जल्द राजनीतिक वार्ता के माध्यम से हल कर लिया जाएगा।
