धर्मस्थल में कथित सामूहिक दफन कांड — बेल्थांगडी पुलिस ने 15 वर्षों के रिकॉर्ड नष्ट करने की बात मानी, गंभीर सवाल खड़े

दक्षिण कन्नड़ (कर्नाटक), 1 अगस्त 2025:
बेल्थांगडी पुलिस, कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले की, एक गंभीर विवाद में घिर गई है। पुलिस ने यह स्वीकार किया है कि उसने 2000 से 2015 के बीच दर्ज अज्ञात मौत (Unidentified Deaths) के मामलों से जुड़े महत्वपूर्ण रिकॉर्ड नष्ट कर दिए हैं — और यह वही समय है जब धर्मस्थल कस्बे में कथित सामूहिक दफन की घटनाएं हुई थीं, जिनका खुलासा एक व्हिसलब्लोअर ने किया है।

व्हिसलब्लोअर ने आरोप लगाया है कि 1998 से 2014 के बीच उससे महिलाओं और नाबालिगों के शवों को दफनाने और जलाने के लिए मजबूर किया गया, जिनमें से कई के शरीर पर यौन उत्पीड़न के संकेत थे।

आरटीआई के जवाब में, बेल्थांगडी पुलिस ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट्स, दीवार पर लगे पोस्टर्स, सूचनाएं और फोटोग्राफ्स जैसे अहम दस्तावेज़ प्रशासनिक प्रक्रियाओं के तहत नष्ट कर दिए गए हैं। ये रिकॉर्ड सीआरपीसी की धारा 174(A) के तहत दर्ज अप्राकृतिक मौत के मामलों से संबंधित थे।

पुलिस ने इसके लिए स्थायी आदेश क्रमांक 762/759 और 874, रिकॉर्ड विनाश प्रक्रिया क्रमांक 400, तथा 26 जून 2013 को जारी कर्नाटक सचिवालय की अधिसूचना और 23 नवंबर 2023 को जारी पुलिस अधीक्षक के आदेश का हवाला दिया।

हालांकि, कानूनी विशेषज्ञों और नागरिक समाज संगठनों ने इस कदम की वैधता और नैतिकता पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि ऐसे आपराधिक मामलों के रिकॉर्ड को नष्ट करना कानूनन गलत है और जनहित में इन्हें संरक्षित रखना जरूरी होता है।

यह चिंताजनक है कि दक्षिण कन्नड़ राज्य के सबसे अधिक डिजिटली उन्नत जिलों में से एक है, फिर भी इतने संवेदनशील रिकॉर्ड को डिजिटल सुरक्षित किए बिना नष्ट कर दिया गया। इससे प्रोटोकॉल, पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठते हैं।

इस मामले को उजागर करने वाले नीति टीम, कल्मेठडका (कडबा तालुक) ने गहरा असंतोष जताया है और कहा है कि यह घटना न्याय और पारिवारिक अधिकारों के लिए एक बड़ा झटका है।