रूस में आया भीषण भूकंप, सुनामी से लाखों लोगों की जान बचाने में कामयाब रहा वैश्विक चेतावनी तंत्र

मॉस्को। रूस के सुदूर पूर्वी इलाके में कल इतिहास के सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक दर्ज किया गया। इस विनाशकारी भूकंप ने समुद्र में एक तीव्र गति वाली सुनामी को जन्म दिया, जिसकी लहरें सैकड़ों मील प्रति घंटे की रफ्तार से जापान, हवाई और अमेरिका के पश्चिमी तट की ओर बढ़ने लगीं।

हालांकि, शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार इस आपदा से बहुत अधिक नुकसान नहीं हुआ है। इसका श्रेय उस कुशल और वैश्विक स्तर पर समन्वित आपदा प्रतिक्रिया प्रणाली को जाता है जिसने समय रहते करोड़ों लोगों को सचेत कर दिया।

3 मिलियन लोगों को समय रहते दी गई चेतावनी
हवाई स्थित पैसिफिक सुनामी चेतावनी केंद्र (PTWC) इस सफल प्रयास का मुख्य केंद्र रहा। 1949 में स्थापित इस केंद्र ने 1960 के दशक से पूरे प्रशांत महासागर में सुनामी निगरानी शुरू कर दी थी। जब रूस में भूकंप आया, तब विशेषज्ञों की एक छोटी टीम ने तुरंत भूकंप की तीव्रता और गहराई की पहचान की और कुछ ही मिनटों में चेतावनी जारी कर दी गई। इस प्रयास से संभावित हजारों जानें बचाई जा सकीं।

वापस लौटे लोग, टला बड़ा खतरा
अस्थायी रूप से अपने घरों से निकाले गए लोग अब सुरक्षित रूप से वापस लौट चुके हैं। इस पूरे ऑपरेशन को “सटीकता और रफ्तार का नमूना” बताया गया है, जो दर्शाता है कि आधुनिक तकनीक और वैश्विक सहयोग कितना प्रभावशाली हो सकता है।

ट्रंप सरकार की फंडिंग कटौती से खतरे में चेतावनी प्रणाली
लेकिन इस सिस्टम पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। PTWC एक अमेरिकी सरकारी एजेंसी का हिस्सा है जिसे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार द्वारा फंडिंग कटौती का सामना करना पड़ा है।

प्रोफेसर इलान केलमैन (यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन) ने बताया:

“यह घटना इस बात की जीवंत मिसाल है कि आपदा पूर्व चेतावनी प्रणाली कितनी महत्वपूर्ण होती है। ऐसे प्रयासों में निवेश न करना सीधे तौर पर लाखों जानों को जोखिम में डाल सकता है।”