दुर्ग स्टेशन से गिरफ्तार दो ननों पर छत्तीसगढ़ में विवाद, कांग्रेस ने बताया ‘माइनॉरिटी पर अत्याचार’, मुख्यमंत्री ने किया कार्रवाई का बचाव

रायपुर,30 जुलाई 2025। छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से 25 जुलाई को दो ननों और एक अन्य व्यक्ति की गिरफ्तारी को लेकर राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है। केरल की दो नन प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस, तथा सुकमन मंडावी को बाल तस्करी और जबरन धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इन पर आरोप स्थानीय बजरंग दल पदाधिकारी द्वारा लगाया गया था, जिन्होंने दावा किया कि ये तीन लड़कियों को नर्सिंग ट्रेनिंग के बहाने अगवा कर रही थीं।

इस मामले में कांग्रेस सांसद शशि थरूर और राहुल गांधी ने गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए इसे “भीड़तंत्र और अल्पसंख्यकों पर सुनियोजित हमला” करार दिया है। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “छत्तीसगढ़ में दो कैथोलिक ननों को उनके धर्म के कारण जेल भेजा गया – यह न्याय नहीं, बीजेपी-आरएसएस का भीड़ शासन है। यह अल्पसंख्यकों के खिलाफ सुनियोजित उत्पीड़न का खतरनाक पैटर्न है।”

कांग्रेस नेता ने ननों की तत्काल रिहाई और इस “अन्याय” के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस गिरफ्तारी के खिलाफ केरल में सत्तारूढ़ सीपीआई(एम)-नीत एलडीएफ और विपक्षी यूडीएफ दोनों ने विरोध प्रदर्शन किया है।

वहीं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पुलिस कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि यह मामला महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा है और इस पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा, “नारायणपुर की तीन बेटियों को नर्सिंग ट्रेनिंग और नौकरी का झांसा देकर दुर्ग स्टेशन लाया गया था, जहां उन्हें दो ननों के हवाले किया गया, जो उन्हें आगरा ले जा रही थीं। मानव तस्करी और धर्मांतरण की कोशिश हो रही थी। यह गंभीर मामला है और जांच चल रही है।”

सीएम साय ने जोर दिया कि छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय राज्य है और कानून अपना काम करेगा। फिलहाल मामला अदालत में लंबित है और राज्य सरकार ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है।