दुर्ग, 26 जुलाई 2025 – भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय द्वारा गठित संयुक्त केंद्रीय निरीक्षण दल ने दुर्ग जिले के उर्वरक विक्रय प्रतिष्ठानों का 24 जुलाई 2025 को औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का उद्देश्य उर्वरक वितरण प्रणाली की गुणवत्ता, पारदर्शिता और शासन के दिशानिर्देशों के पालन की स्थिति का आकलन करना था।
इस दल में शामिल थे:
- श्री पी.जी. मिथानडोई, अवर सचिव, उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय, नई दिल्ली
- श्री अजय कुमार, उप संचालक, केन्द्रीय उर्वरक गुण नियंत्रण एवं प्रशिक्षण संस्थान, फरीदाबाद
- डॉ. सुमित सोरी, संचालनालय कृषि के प्रतिनिधि
- श्री संदीप कुमार भोई, उप संचालक कृषि, दुर्ग
- वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी व उर्वरक निरीक्षक, दुर्ग
🔍 निरीक्षण की प्रमुख गतिविधियां:
निरीक्षण के दौरान दुर्ग जिले के तीन प्रमुख उर्वरक विक्रय प्रतिष्ठानों पर गहन निगरानी की गई:
- ग्रीन फील्ड, गंजपारा, दुर्ग – जिंक सल्फेट का 01 नमूना
- अग्रवाल कमर्शियल, दुर्ग – सिंगल सुपर फॉस्फेट के 02 नमूने
- सुंदरम एग्रोटेक, नया गंज मंडी, धमधा रोड, दुर्ग – बोरान 20% का 01 नमूना
सभी नमूने फरीदाबाद स्थित केंद्रीय प्रयोगशाला को परीक्षण हेतु भेजे गए हैं।
📋 निरीक्षण निष्कर्ष:
निरीक्षण दल को किसी भी प्रकार की गंभीर अनियमितता नहीं मिली, जिससे यह स्पष्ट होता है कि जिले के प्रतिष्ठानों द्वारा उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 का उचित पालन किया जा रहा है।
निरीक्षण के दौरान प्रतिष्ठानों को निम्न निर्देश दिए गए:
- POS मशीन के माध्यम से थोक से फुटकर स्कंध में उर्वरकों की बिक्री की जाए।
- डीबीटी (Direct Benefit Transfer) इन फर्टिलाइज़र नीति का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित किया जाए।
- उर्वरकों की बिक्री और स्टॉक की तत्काल डिजिटल एंट्री POS मशीन से अनिवार्य रूप से की जाए।
🗣️ अधिकारियों की टिप्पणी:
निरीक्षण दल ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य, विशेषकर दुर्ग जिला, उर्वरक वितरण की पारदर्शिता और गुणवत्ता नियंत्रण के मामले में रोल मॉडल बन सकता है, बशर्ते निर्देशों का कड़ाई से पालन जारी रखा जाए।
