छत्तीसगढ़ में गांवों में ‘नागरिक रजिस्टर’ अनिवार्य, घुसपैठ पर सख्ती का बड़ा कदम

रायपुर, 26 जुलाई 2025:
छत्तीसगढ़ सरकार अब अवैध घुसपैठ पर नकेल कसने के लिए गांवों में ‘नागरिक रजिस्टर’ प्रणाली लागू करने जा रही है। यह व्यवस्था राज्य के प्रत्येक ग्राम पंचायत में लागू की जाएगी, जिसके तहत हर नागरिक की उपस्थिति, आगमन और पलायन की जानकारी दर्ज की जाएगी। यह कदम हाल ही में 30 बांग्लादेशी नागरिकों की वापसी के बाद उठाया गया है।

हर गांव में नागरिकों का रिकॉर्ड अनिवार्य

सरकार के मुताबिक अब प्रत्येक व्यक्ति का विवरण पंचायत स्तर पर एक भौतिक रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि कौन व्यक्ति पहले से गांव में था, कौन आया और कौन चला गया।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा,

“हम पंचायत में ऐसा रजिस्टर रखने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे यह पता चले कि कौन व्यक्ति पहले से रह रहा है और कौन नया आया है। इससे गांव की आंतरिक सुरक्षा और स्थानीय लोगों के अधिकार सुरक्षित रहेंगे।”

सुरक्षा के साथ योजनाओं का दुरुपयोग रोकने की कोशिश

गांव के सरपंचों ने भी इस निर्णय का स्वागत किया है। कवर्धा जिले के नेवारी गांव के सरपंच सेवराम पात्रे ने कहा,

“पहले बाहरी लोगों पर कोई निगरानी नहीं थी। अब यदि रजिस्टर रहेगा तो छत्तीसगढ़ के लोगों को लाभ मिलेगा। बाहरी लोग स्थानीय योजनाओं का लाभ उठा रहे थे।”

इसी तरह घुघरीकला के सरपंच राजकुमार जांगड़े ने बताया कि कई बाहरी लोगों ने राशन कार्ड, वोटर आईडी और यहां तक कि प्रधानमंत्री आवास योजना के घरों पर कब्जा कर लिया था।

“हमें ऐसे लोगों को हटाना पड़ा। अब यह रजिस्टर व्यवस्था ऐसी घटनाओं को रोकने में मदद करेगा।”

कोटवार प्रणाली रही असफल, अब होगा औपचारिक नियंत्रण

अब तक गांव में नए लोगों की पहचान कोटवार और बुजुर्गों की सूचना पर आधारित थी, लेकिन इसकी सूचना प्रणाली कमजोर थी। अब एक औपचारिक पंजीयन प्रणाली लागू होने से जवाबदेही बढ़ेगी और शासन के पास सटीक आंकड़े होंगे।

विपक्ष ने कहा – ‘राजनीतिक नौटंकी’

हालांकि, विपक्षी कांग्रेस ने इस कदम को चुनावी हथकंडा करार दिया है।
पूर्व विधायक विनोद चंद्राकर ने कहा,

“कोटवार प्रणाली पहले से है और कारगर भी रही है। यह नया रजिस्टर बनाने की कवायद केवल डर और ध्रुवीकरण की राजनीति है।”

सरकार की दलील – राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि

सरकार का कहना है कि यह फैसला राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा और स्थानीय जनता के कल्याण को ध्यान में रखकर लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि 2,000 पाकिस्तानी वीजाधारक भी राज्य में हैं जिन पर कड़ी निगरानी की जा रही है।