छत्तीसगढ़ में 250 एकड़ से ज्यादा सरकारी जमीन पर हुआ फर्जीवाड़ा, ऑनलाइन ‘भुइंया’ सिस्टम में छेड़छाड़ कर लोन की साजिश का खुलासा

दुर्ग, 26 जुलाई 2025:
छत्तीसगढ़ में बड़े भू-माफिया नेटवर्क द्वारा सरकारी जमीनों के फर्जी बटांकन और ऑनलाइन ‘भुइंया’ पोर्टल में गड़बड़ी के जरिये करोड़ों रुपए के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। यह जमीन घोटाला दुर्ग जिले के मुरमुंदा पटवारी हल्का क्षेत्र में सामने आया है, जहां 250 एकड़ से अधिक शासकीय व निजी भूमि को फर्जी तरीके से दर्ज कर अलग-अलग लोगों के नाम चढ़ा दिया गया।


🏢 क्या है पूरा मामला?

मामला दुर्ग जिले के मुरमुंदा, अछोटी, चेटुवा और बोरसी गांवों से जुड़ा है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि

  • इन गांवों में सरकारी और निजी जमीनों का फर्जी बटांकन किया गया।
  • बटांकन के बाद उन जमीनों को निजी लोगों के नाम पर दर्ज कर दिया गया।
  • इन भूमियों को आधार बनाकर बैंकों से करोड़ों रुपए के लोन भी लिए गए हैं।

💻 ‘भुइंया’ सिस्टम में डिजिटल गड़बड़ी का आरोप

सरकार द्वारा भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण के लिए बनाए गए ऑनलाइन पोर्टल ‘भुइंया‘ को इस फर्जीवाड़े में टूल की तरह इस्तेमाल किया गया।
आरोप है कि कुछ तकनीकी और विभागीय कर्मियों की मिलीभगत से

  • जमीन का रिकॉर्ड छेड़ा गया
  • मूल दस्तावेजों में बिना अनुमति बदलाव किया गया
  • और संपत्ति का फर्जी बटवारा और नामांतरण दर्शाया गया।

🏦 सरकारी जमीन को गिरवी रख लोन!

जिन सरकारी जमीनों को फर्जी तरीके से निजी व्यक्तियों के नाम दर्ज किया गया,
उन्हें बैंकों में गिरवी रखकर करोड़ों रुपये का कर्ज ले लिया गया।
इससे न सिर्फ सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ, बल्कि
बैंकिंग व्यवस्था पर भी खतरे की स्थिति उत्पन्न हो गई है।


🕵️‍♀️ जांच में जुटा राजस्व विभाग

जैसे ही यह मामला प्रकाश में आया,
राजस्व विभाग ने आपात बैठक बुलाकर जांच शुरू कर दी है।

  • संबंधित पटवारी हल्कों के रिकॉर्ड जब्त किए जा रहे हैं
  • भुइंया सिस्टम में लॉग हिस्ट्री और एक्सेस डेटा की जांच की जा रही है
  • जिला प्रशासन और पुलिस को भी मामले में शामिल कर
    आपराधिक जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

🧑‍⚖️ होगी FIR और गिरफ्तारी की कार्यवाही

सूत्रों के अनुसार,

  • संबंधित पटवारी और रिकॉर्ड प्रभारी अधिकारियों पर गंभीर कार्रवाई की तैयारी है।
  • फर्जीवाड़े में संलिप्त बिचौलियों और लाभार्थियों के खिलाफ जल्द ही FIR दर्ज की जाएगी।
  • मामले को ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) को भी सौंपा जा सकता है।

📢 जनता से अपील

राजस्व विभाग ने आम जनता से भी अपील की है कि वे

  • अपनी जमीन की स्थिति को भुइंया पोर्टल पर स्वयं चेक करें
  • अगर कोई गड़बड़ी या फर्जी बटांकन नजर आता है, तो
    तुरंत तहसील कार्यालय या कलेक्टर कार्यालय में शिकायत दर्ज कराएं।

✅ निष्कर्ष:

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा भूमि प्रणाली को पारदर्शी बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों के बावजूद
यह मामला बताता है कि डिजिटल भ्रष्टाचार का खतरा कितना गंभीर हो सकता है।
यह घोटाला न केवल प्रशासनिक निष्क्रियता बल्कि तकनीकी लापरवाही का भी जीवंत उदाहरण है।
अब देखना होगा कि सरकार इस पर कब तक और कितना कठोर एक्शन लेती है।