रायपुर, 26 जुलाई 2025:
छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में अब एक नई सुबह की शुरुआत हो चुकी है। जहां कभी भय, उपेक्षा और हिंसा का साया था, वहां आज विकास, विश्वास और सहभागिता का उजाला फैल रहा है। यह सब संभव हो सका है मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की दूरदर्शिता और जनोन्मुखी शासन दृष्टिकोण से प्रारंभ “नियद नेल्ला नार – आपका आदर्श ग्राम योजना” के जरिए।
यह योजना सिर्फ विकास का दस्तावेज नहीं, बल्कि बस्तर की आत्मा से जुड़ा एक जन आंदोलन बन गई है, जिसमें जनता और सरकार की साझेदारी से वह परिवर्तन दिख रहा है, जिसकी कल्पना कभी अधूरी लगती थी।
🌱 योजना की शुरुआत और उद्देश्य
15 फरवरी 2024 को लॉन्च की गई इस योजना का मुख्य उद्देश्य था:
“विकास की रोशनी उन गाँवों तक पहुँचाना, जो अब तक शासन की पहुँच से दूर थे।”
राज्य सरकार ने बस्तर के पाँच नक्सल प्रभावित जिलों – सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा और कांकेर – में स्थित 327 गाँवों को चिन्हित कर, उन्हें समग्र विकास योजनाओं से जोड़ने का निर्णय लिया। ये गाँव अब शासन के संवेदनशील और सक्रिय संपर्क में हैं।
📚 शिक्षा और स्वास्थ्य की क्रांति
- 31 नए प्राथमिक विद्यालय स्वीकृत, जिनमें से 13 में पढ़ाई शुरू।
- 185 आंगनबाड़ी केंद्रों की स्वीकृति, 107 चालू हो चुके।
- 20 उप-स्वास्थ्य केंद्रों की योजना, 16 पहले से कार्यरत।
- बच्चों और महिलाओं को पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ हो रही हैं।
📡 संचार, सड़कों और रोशनी का विस्तार
- 119 मोबाइल टावरों की योजना, 43 चालू – अब दूरस्थ गाँव भी डिजिटल कनेक्टिविटी से जुड़ रहे हैं।
- 144 हाई मास्ट लाइट्स, जिनमें से 92 गाँवों में कार्यरत – अंधेरे गाँवों में अब उजियारा है।
- 173 सड़क और पुल परियोजनाएँ, 116 को स्वीकृति, 26 पूर्ण – आवागमन और व्यापार सुगम।
🏥 सामाजिक सुरक्षा और नागरिक भागीदारी
- 70,954 आधार कार्ड, 46,172 वृद्धजनों के प्रमाण पत्र, 11,133 मतदाता पंजीकरण – लोकतांत्रिक सहभागिता का नया युग।
- 46,172 आयुष्मान कार्ड – मुफ्त स्वास्थ्य सेवा का विस्तार।
- प्रधानमंत्री आवास योजना में 12,232 मकानों का लक्ष्य, 5,984 को मंजूरी।
- किसान सम्मान निधि – 4,677 किसानों को सहायता राशि।
- 6,460 घरों में शौचालय निर्माण, 18,983 उज्ज्वला और गौ-गैस कनेक्शन।
- 30 गाँवों में डीटीएच कनेक्शन – सूचना और मनोरंजन की पहुँच।
🤝 नया रिश्ता: शासन और जनता के बीच
यह पहल केवल भौतिक विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सरोकार और सहभागिता का नया मॉडल है।
ग्रामीण अब आंगनबाड़ी, राशन दुकान, स्वास्थ्य केंद्र और अन्य योजनाओं की निगरानी खुद कर रहे हैं। अब शासन जनता के साथ है, न कि केवल उनके लिए।
🗣 मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण:
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का कहना है:
“नियद नेल्ला नार केवल योजना नहीं, बल्कि बस्तर के पुनर्जागरण की यात्रा है। यह यात्रा अब भय से विश्वास, अंधेरे से उजाले, और उपेक्षा से भागीदारी की ओर है।”
✅ निष्कर्ष:
नियद नेल्ला नार योजना बस्तर के लिए सुशासन और समावेशी विकास का प्रतीक बन चुकी है। यह दर्शाती है कि यदि राजनीतिक इच्छाशक्ति हो, तो विकास की किरण सबसे दूरस्थ कोनों तक पहुँच सकती है।
बस्तर अब वह नहीं रहा जो वर्षों पहले था। अब वहाँ बंदूक नहीं, किताबें हैं; डर नहीं, विश्वास है; और अलगाव नहीं, लोकतांत्रिक सहभागिता है।
