रायपुर, 26 जुलाई 2025:
छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी नई लॉजिस्टिक नीति लागू कर दी है, जिसका उद्देश्य राज्य को एक प्रमुख लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करना है। इस नीति से ई-कॉमर्स कंपनियों, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों, और स्थानीय किसानों को समान रूप से लाभ मिलेगा।
यह नीति न केवल राज्य के औद्योगिक विकास को गति देगी, बल्कि रोजगार के अवसरों को भी बढ़ाएगी। साथ ही, भारत और ब्रिटेन के बीच हाल ही में हुए व्यापारिक समझौते से राज्य को वैश्विक व्यापार में नई संभावनाएं मिलेंगी।
📌 नीति की प्रमुख बातें:
- कृषकों को राहत:
राज्य सरकार वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज और गोदाम निर्माण के लिए सहायता प्रदान करेगी, जिससे किसानों को सस्ती भंडारण सुविधा मिलेगी और कृषि उत्पादों की बर्बादी में कमी आएगी। - ई-कॉमर्स को मिलेगा प्रोत्साहन:
नीति में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के लिए आधुनिक लॉजिस्टिक सुविधाओं के निर्माण को प्राथमिकता दी गई है, जिससे अमेज़न, फ्लिपकार्ट, मेट्रो, जैसे बड़े ब्रांड राज्य में अपने लॉजिस्टिक बेस स्थापित कर सकेंगे। - लागत में कटौती और प्रतिस्पर्धात्मकता:
इस नीति का प्रमुख उद्देश्य है कि लॉजिस्टिक्स संचालन को अधिक लागत-कुशल और प्रतिस्पर्धी बनाया जाए, जिससे राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) में लॉजिस्टिक लागत को कम किया जा सके। - अमृतकाल विजन 2047:
छत्तीसगढ़ सरकार ने इस नीति को “अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विज़न 2047” के अंतर्गत तैयार किया है, जिसका लक्ष्य है राज्य को समग्र आर्थिक विकास की दिशा में अग्रसर करना। - मल्टीमोडल लॉजिस्टिक्स हब का विकास:
नीति के तहत राज्य में मल्टीमोडल लॉजिस्टिक्स पार्क, ड्राई पोर्ट, रेल-रोड कनेक्टिविटी, और डिजिटल सप्लाई चेन सिस्टम के विकास पर विशेष जोर दिया गया है।
🌐 अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए सुनहरा अवसर:
इस नीति में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं, जैसे:
- सिंगल विंडो क्लीयरेंस
- टैक्स में छूट
- भूमि आवंटन में प्राथमिकता
- नीति के तहत PPP मॉडल को बढ़ावा
💼 रोजगार और उद्यमिता में वृद्धि:
लॉजिस्टिक्स सेक्टर में संभावित निवेश से हजारों प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। साथ ही, स्थानीय MSMEs को भी लॉजिस्टिक सप्लाई चेन में शामिल होने का मौका मिलेगा।
निष्कर्ष:
छत्तीसगढ़ की यह लॉजिस्टिक नीति न केवल राज्य के भौगोलिक और रणनीतिक लाभ का दोहन करेगी, बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मानचित्र पर स्थापित करने में भी सहायक होगी। आने वाले वर्षों में यह नीति विकास, रोजगार और निवेश का एक मजबूत स्तंभ सिद्ध हो सकती है।
