रतनपुर हाईवे पर स्टंट कर वायरल हुए रईसजादों पर भड़का हाईकोर्ट, पुलिस की लाचारी पर जताई सख्त नाराज़गी

रायपुर 22 जुलाई 2025: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने रतनपुर नेशनल हाईवे पर स्टंट करते हुए अमीर युवाओं के वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लेते हुए पुलिस की निष्क्रियता और ढिलाई पर कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “कानून का राज अमीरों की सुविधा के अनुसार नहीं चल सकता।” इस मामले में राज्य के मुख्य सचिव को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।

यह मामला 20 जुलाई को हिंदी दैनिक ‘हरिभूमि’ में प्रकाशित एक खबर के आधार पर सामने आया, जिसमें बताया गया था कि छह युवकों ने काले रंग की टोयोटा फॉर्च्यूनर कारों की कतार लगाकर हाईवे पर तेज लाइटों और स्टंट्स के साथ रील बनाई। इस वजह से मुख्य सड़क पर भीषण जाम लग गया और आम लोग फंसे रहे। बताया जा रहा है कि यह वीडियो वेदांत शर्मा द्वारा अपलोड किया गया था, जो स्थानीय प्रभावशाली व्यक्ति विनय शर्मा का पुत्र है।

हालांकि इस गंभीर मामले में पुलिस ने महज ₹2000 का जुर्माना प्रति वाहन लगाकर कार्यवाही खत्म कर दी। ना तो एफआईआर दर्ज की गई, ना गाड़ियां जब्त की गईं और ना ही भारतीय न्याय संहिता, मोटर व्हीकल अधिनियम या राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम के तहत कोई कार्यवाही की गई।

मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति विभु दत्त गुरु की खंडपीठ ने कहा कि पुलिस की इस लापरवाही से ऐसा प्रतीत होता है जैसे वे “बिगड़े रईसजादों” के सामने लाचार हैं। अदालत ने टिप्पणी की, “जब ऐसे लोगों को कानून का कोई डर नहीं होता, तब पुलिस को सख्त कदम उठाने चाहिए। पुलिस की यह लाचारी राज्य में अराजकता को जन्म दे सकती है।”

अदालत ने इससे पहले इसी माह की एक अन्य घटना को भी याद किया, जिसमें एक डीएसपी की पत्नी सार्वजनिक उपद्रव में शामिल थी। अदालत ने सख्त लहजे में कहा कि “सार्वजनिक सड़कें निजी रील शूट करने की जगह नहीं हैं। कानून सभी पर समान रूप से लागू होना चाहिए, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो।”

अदालत ने कहा कि यदि समय रहते पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की होती तो ऐसा संदेश समाज में जाता कि कानून सभी के लिए बराबर है। अब यह मामला 7 अगस्त को फिर से उच्च न्यायालय में सुना जाएगा।