रायपुर, 23 जुलाई 2025 — छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्वतंत्रता संग्राम के महानायक लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और अमर क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए भारत माता के सच्चे सपूत बताया। उन्होंने कहा कि इन महान स्वतंत्रता सेनानियों का त्याग, संघर्ष और बलिदान देश की आज़ादी की नींव हैं और उनका जीवन हमेशा प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।
🔥 “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है…” – लोकमान्य तिलक
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकमान्य तिलक ने “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा” जैसे क्रांतिकारी उद्घोष के माध्यम से जनमानस में आज़ादी की अलख जगाई। उन्होंने सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय एकता के लिए गणेश उत्सव को सार्वजनिक रूप में मनाने की परंपरा शुरू कर एक सांस्कृतिक आंदोलन को जन्म दिया।
💥 चंद्रशेखर आज़ाद: साहस और बलिदान का प्रतीक
श्री साय ने चंद्रशेखर आजाद को याद करते हुए कहा कि उनका अदम्य साहस, आत्मबल और राष्ट्रभक्ति देश के युवाओं के लिए आज भी प्रेरणा का स्त्रोत है। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी, लेकिन कभी आत्मसमर्पण नहीं किया। उनका जीवन संदेश देता है कि राष्ट्र सबसे ऊपर है।
🕊️ प्रेरणा के अमिट स्तंभ
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि तिलक और आज़ाद का बलिदान सिर्फ इतिहास नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का प्रकाशस्तंभ है। उनके विचार और आदर्श हमें यह सिखाते हैं कि राष्ट्रसेवा और स्वाभिमान के लिए कैसे खड़ा हुआ जाता है।
