नई दिल्ली, 22 जुलाई 2025:
भारत के उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार देर रात अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे देश की राजनीति में हलचल मच गई है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे गए पत्र में स्वास्थ्य कारणों और चिकित्सकीय सलाह का हवाला देते हुए तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देने की बात कही है।
धनखड़ का इस्तीफा ऐसे समय में आया जब उन्होंने उसी दिन राज्यसभा की कार्यवाही को सामान्य रूप से संचालित किया था और उनकी सेहत को लेकर कोई सार्वजनिक चिंता नहीं जताई गई थी। इस अप्रत्याशित फैसले ने राजनीतिक हलकों में कई अटकलों को जन्म दे दिया है।
📜 धनखड़ ने राष्ट्रपति को भेजा इस्तीफा पत्र
धनखड़ ने अपने इस्तीफा पत्र में लिखा:
“स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सा सलाह का पालन करने के लिए, मैं भारत के उप-राष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहा हूं, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67(क) के अनुसार।”
इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और गृह मंत्रालय को औपचारिक अधिसूचना जारी करने के लिए पत्र भेजा गया। मंत्रालय ने धनखड़ के इस्तीफे की पुष्टि कर दी है।
👨⚖️ राज्यसभा में खाली हुई कुर्सी
मंगलवार को धनखड़ की अनुपस्थिति में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने सदन की कार्यवाही संचालित की। धनखड़ के इस्तीफे के बाद उनका कोई विदाई भाषण भी नहीं हुआ, जिससे राजनीतिक हलकों में चर्चा और तेज हो गई।
❓ विपक्ष ने जताई शंका, ‘स्वास्थ्य कारणों से परे हैं असली वजह’
धनखड़ के इस्तीफे के बाद कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने इस पर संदेह जताया है।
कांग्रेस के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने कहा:
“यह एक अभूतपूर्व कदम है। उन्होंने स्वास्थ्य कारण बताए हैं — उनका सम्मान होना चाहिए, लेकिन यह भी एक तथ्य है कि इसके पीछे कहीं गहरी वजहें हैं।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से धनखड़ को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने की अपील भी की।
समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि वह खबर सुनकर चौंक गए।
“वो कल सदन में थे, कहीं से भी यह संकेत नहीं था कि वो इस्तीफा देंगे। मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।”
CPI के सांसद पी संतोश कुमार ने तो यहां तक कहा कि
“धनखड़ के इस्तीफे की असली वजह केवल दो लोग जानते हैं — नरेंद्र मोदी और अमित शाह। उन्होंने स्वास्थ्य के कारणों से इस्तीफा नहीं दिया है, इसके पीछे कुछ और है।”
🕵️♂️ राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज
धनखड़ का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब संसद का मानसून सत्र शुरू हो चुका है। उनकी भूमिका राज्यसभा में निष्पक्ष संचालन को लेकर हमेशा चर्चित रही है। ऐसे में उनके अचानक हटने से राजनीतिक गलियारों में अटकलों का दौर शुरू हो गया है — क्या वे किसी अन्य भूमिका के लिए तैयार किए जा रहे हैं? या फिर कोई आंतरिक मतभेद इसका कारण है?
🧾 धनखड़ का कार्यकाल और योगदान
74 वर्षीय जगदीप धनखड़ ने अगस्त 2022 में 14वें उप-राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण किया था। वे पूर्व राज्यपाल, वरिष्ठ वकील और अनुभवी राजनेता रहे हैं। उनका कार्यकाल अगस्त 2027 तक निर्धारित था, लेकिन दो साल से पहले ही उनका इस्तीफा एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम बन गया है।
