रायपुर, 22 जुलाई 2025 –
छत्तीसगढ़ विधानसभा में हाल ही में पारित भू-राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक 2025 के तहत 5 डिसमिल (2178 वर्गफीट) से छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री पर रोक लगाने का प्रावधान किया गया है। लेकिन नोटिफिकेशन और विभागीय आदेश जारी होने से पहले ही राज्य के रजिस्ट्री कार्यालयों में इन प्लाटों की रजिस्ट्री अघोषित रूप से बंद कर दी गई है, जिससे आम जनता खासकर मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोग परेशान हैं।
आदेश जारी नहीं, फिर भी रजिस्ट्री पर रोक
आईजी रजिस्ट्रार पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने स्पष्ट किया कि अभी तक कोई गजट नोटिफिकेशन या विभागीय आदेश जारी नहीं हुआ है। ऐसे में रजिस्ट्री कार्यालयों को रजिस्ट्री बंद करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा:
“जब तक आधिकारिक आदेश जारी नहीं होता, तब तक छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री वैध है।”
इसके बावजूद जिला पंजीयक कार्यालयों में 2,000 वर्गफीट या उससे छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री रोकी जा रही है, जिससे खरीदार और विक्रेता दोनों असमंजस की स्थिति में हैं।
प्रभावित हो रहे हैं हज़ारों मध्यमवर्गीय परिवार
छत्तीसगढ़ में हर दिन लगभग 300 रजिस्ट्री होती है, जिनमें से अधिकांश छोटे प्लाटों की होती हैं।
- 500 वर्गफीट से लेकर 2000 वर्गफीट तक के प्लाट खरीदने वाले मध्यमवर्गीय लोग इस नियम से सर्वाधिक प्रभावित हो रहे हैं।
- रजिस्ट्री बंद होने से प्रॉपर्टी डीलर्स, वकील, बिल्डर और सामान्य खरीदारों को नुकसान हो रहा है।
विधानसभा में क्या हुआ था?
छत्तीसगढ़ विधानसभा में पारित भू राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक 2025 के तहत यह प्रावधान किया गया कि 5 डिसमिल (0.05 एकड़) से कम भूमि की रजिस्ट्री नहीं की जाएगी। इस संशोधन का मकसद अवैध कॉलोनियों और अव्यवस्थित शहरीकरण को नियंत्रित करना बताया गया है।
लोगों की नाराज़गी, शिकायतें लेकर पहुंचे कार्यालय
रजिस्ट्री रुकने से नाराज़ कई खरीदार अपने वकीलों के साथ जिला पंजीयक कार्यालय पहुंचे और सवाल उठाया कि जब तक विधिवत आदेश नहीं आया, तब तक रजिस्ट्री कैसे रोकी जा सकती है?
- कुछ स्थानों पर अधिकारियों से बहस की स्थिति भी बनी।
- रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े लोगों का कहना है कि यह निर्णय बिना तैयारी के लागू किया जा रहा है, जिससे बाजार पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।
सरकार से स्पष्ट दिशा-निर्देश की मांग
अब जनता और संपत्ति कारोबार से जुड़े लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि
- या तो आदेश जल्द जारी करें,
- या पंजीयक कार्यालयों को स्पष्ट निर्देश दें कि वे रजिस्ट्री रोकें नहीं, जब तक कि अधिसूचना न आ जाए।
