भिलाई और बिलासपुर में धर्मांतरण को लेकर बवाल, हनुमान चालीसा पाठ के बाद चर्च से 150 लोग हिरासत में

बिलासपुर, 21 जुलाई 2025:
छत्तीसगढ़ के भिलाई और बिलासपुर से धर्मांतरण को लेकर एक के बाद एक हैरान करने वाली घटनाएं सामने आई हैं। भिलाई के कैलाश नगर में एक चर्च के सामने हनुमान चालीसा का पाठ किए जाने के बाद 100 से 150 लोगों को हिरासत में लिया गया, वहीं बिलासपुर के गीतांजली सिटी में प्रार्थना सभा के नाम पर धर्मांतरण का आरोप लगाकर हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया।


📍 भिलाई: चर्च में धर्मांतरण का आरोप, बजरंग दल का विरोध

रविवार को भिलाई के जामुल थाना क्षेत्र के कैलाश नगर में एक निजी चर्च में धार्मिक सभा आयोजित की जा रही थी। इसी दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को सूचना मिली कि धर्मांतरण किया जा रहा है। मौके पर पहुंचकर उन्होंने हनुमान चालीसा का पाठ शुरू किया। इस दौरान टकराव की स्थिति बन गई, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और 100-150 लोगों को हिरासत में ले लिया गया।

बजरंग दल के जिला सह संयोजक रामलोचन राकेश तिवारी ने दावा किया कि यहां 200 से अधिक लोगों, जिनमें बच्चे और बुजुर्ग शामिल थे, का धर्मांतरण करवाया जा रहा था, और यह बिना प्रशासनिक अनुमति के हो रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षिका के माध्यम से भी धर्मांतरण हो रहा है।


📍 बिलासपुर: गीतांजली सिटी में प्रार्थना सभा पर विवाद

शनिवार को बिलासपुर के सरकंडा थाना क्षेत्र में स्थित गीतांजली सिटी कॉलोनी में एक प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ, जिसे लेकर हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि यहां भी धर्मांतरण करवाया जा रहा है। लोगों का कहना है कि प्रार्थना के नाम पर मासूम बच्चों को बहला-फुसलाकर धर्म बदलवाया जा रहा है।


👮‍♂️ पुलिस और प्रशासन का बयान

छावनी क्षेत्र के सीएसपी हरीश पाटिल ने जानकारी दी कि बजरंग दल ने पुलिस को सूचित किया था कि कई इलाकों में धर्मांतरण की गतिविधियां चल रही हैं। पुलिस ने दोनों पक्षों से पूछताछ की और कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। वहीं, प्रशासन ने कहा है कि यदि कोई बिना अनुमति धार्मिक आयोजन या धर्मांतरण करता है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


⚖️ कानूनी कार्रवाई और राज्य सरकार की सख्ती

छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में अवैध धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून लाने की घोषणा की थी। इस घटना के बाद प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर किसी को बहकाकर धर्मांतरण नहीं करने दिया जाएगा। वहीं, कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों पर भी प्रशासन की नजर बनी हुई है।


📌 निष्कर्ष

छत्तीसगढ़ में हालिया घटनाएं धर्मांतरण और धार्मिक स्वतंत्रता के बीच की संवेदनशील रेखा को उजागर कर रही हैं। सरकार, प्रशासन, और सामाजिक संगठनों को मिलकर इस मुद्दे को सुलझाना होगा ताकि शांति और सौहार्द बना रहे।