नई दिल्ली, 21 जुलाई 2025:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मानसून सत्र की शुरुआत से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए “ऑपरेशन सिंदूर” को देश के लिए एक “विजय उत्सव” करार दिया। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत, सटीकता और साहस का एक बेमिसाल उदाहरण है।
प्रधानमंत्री ने कहा,
“यह मानसून सत्र एक विजय उत्सव है। पूरी दुनिया ने भारतीय सेना की ताकत देखी है। ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य 100 प्रतिशत सफलतापूर्वक पूरा किया गया। मात्र 22 मिनट में हमारे जवानों ने आतंकियों को उनके ही ठिकानों में ढेर कर दिया।“
🗓 संसद में 16 घंटे की बहस तय, विपक्ष की मांग पर सरकार की सहमति
ऑपरेशन सिंदूर, जो कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत की बड़ी सैन्य कार्रवाई थी, पर अब संसद में विस्तृत बहस होगी। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) ने घोषणा की है कि इस मुद्दे पर अगले हफ्ते संसद में 16 घंटे की लंबी बहस आयोजित की जाएगी।
हालांकि विपक्षी दलों की यह मांग थी कि बहस इस सप्ताह ही हो और प्रधानमंत्री स्वयं जवाब दें, लेकिन प्रधानमंत्री के निर्धारित विदेशी दौरे के चलते यह चर्चा अगले सप्ताह के लिए टाल दी गई।
🤝 विपक्ष की एकजुटता और बहस की माँग
24 विपक्षी दलों की एक वर्चुअल बैठक में आठ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की मांग की गई थी, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर भी शामिल था। इस पर सरकार ने बहस के लिए हरी झंडी दे दी है। सूत्रों के अनुसार, विपक्ष के तीव्र दबाव और राष्ट्रीय महत्व के इस मुद्दे की संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया।
💥 ऑपरेशन सिंदूर: 22 मिनट में पूरा हुआ मिशन
22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में कई सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। इसके जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया, जिसे एक “सर्जिकल स्ट्राइक-स्टाइल” जवाब माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा,
“यह केवल एक सैन्य ऑपरेशन नहीं, बल्कि आतंक के खिलाफ भारत की निर्णायक नीति का उदाहरण है।“
📌 निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री के बयान और सरकार की बहस के लिए सहमति से यह स्पष्ट है कि ऑपरेशन सिंदूर आने वाले दिनों में न केवल सुरक्षा नीति बल्कि राजनीतिक विमर्श का भी एक मुख्य केंद्र बनेगा।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि संसद में विपक्ष किन बिंदुओं को उठाता है और प्रधानमंत्री इस पर किस तरह का जवाब देते हैं।
