नई दिल्ली, 21 जुलाई 2025:
संसद का मानसून सत्र सोमवार को हंगामेदार माहौल में शुरू हुआ। लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में विपक्ष ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस के मणिकम टैगोर ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया, जबकि राज्यसभा में रणदीप सुरजेवाला ने नियम 267 के तहत “ऑपरेशन सिंदूर” और पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा की मांग करते हुए कार्य स्थगन नोटिस दिया।
सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद परिसर में मीडिया को संबोधित किया और सरकार की तैयारियों की जानकारी दी। रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में भी सरकार ने संकेत दिए थे कि वह ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कथित बयान पर संसद में चर्चा के लिए तैयार है।
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से जवाब मांगा है कि पहलगाम हमले और ट्रंप के दावे पर उनकी क्या प्रतिक्रिया है। लोकसभा में कांग्रेस के डिप्टी लीडर गौरव गोगोई ने कहा कि ये विषय देश की गरिमा और सेना की बहादुरी से जुड़े हैं, इसलिए सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में संसद भवन में एक उच्चस्तरीय बैठक भी हुई, जिसमें अमित शाह, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण, किरेन रिजिजू और शिवराज सिंह चौहान समेत कई वरिष्ठ मंत्री शामिल हुए।
भाजपा सांसद कंगना रनौत ने सदन में शिष्टाचार के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष जानबूझकर चर्चा को बाधित कर रहा है। वहीं सपा सांसद अखिलेश यादव ने पहलगाम हमले को लेकर खुलकर चर्चा की मांग की।
बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ दिए गए नोटिस को “संवैधानिक प्रक्रिया” बताया और कहा कि “न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए आचरण भी उतना ही जरूरी है।”
राहुल गांधी पर हमला करते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “यह संसद है, कोई निजी ड्राइंग रूम नहीं… वे खुद चर्चा से भाग रहे हैं और पाकिस्तान जैसे विपक्षी ताकतों का समर्थन कर रहे हैं।”
राजद सांसद मनोज झा ने बिहार में मतदाता सूची में विशेष पुनरीक्षण को लेकर चुनाव आयोग पर सवाल उठाए और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की अनदेखी का आरोप लगाया।
शिवसेना (उद्धव गुट) की प्रियंका चतुर्वेदी ने नागरिक विमान दुर्घटनाओं की जांच को लेकर सवाल उठाए कि एएआईबी पैनल में कोई विमानन विशेषज्ञ नहीं है। इसके जवाब में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने बताया कि “टीम में विशेषज्ञ और ICAO के प्रतिनिधि शामिल हैं।”
