रायपुर, 20 जुलाई 2025: छत्तीसगढ़ में किसानों की खेती अब पारंपरिक नहीं रही। राज्य सरकार की कृषि यंत्रीकरण उप मिशन (Sub-Mission on Agricultural Mechanisation – SMAM) के तहत मिल रही सब्सिडी के चलते किसान तेजी से आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं। इससे न केवल उनकी मेहनत और समय की बचत हो रही है, बल्कि उत्पादन और आय दोनों में भी इज़ाफा हो रहा है।
केसला गांव के किसान छोदलदास साहू ने बदली खेती की तस्वीर
राजनांदगांव ज़िले के डोंगरगांव ब्लॉक के केसला गांव के किसान छोदालदास साहू ने 9 लाख रुपये की कीमत वाला धान रोपाई यंत्र सिर्फ ₹4.90 लाख की सब्सिडी पर खरीदा। अब वे एक दिन में 4 एकड़ खेत में धान की रोपाई कर पाते हैं, जो पहले कई दिनों का काम होता था।
मशीन से रोपाई में मिली सटीकता और रोगों में कमी
इस आधुनिक रोपाई मशीन से पौधों की समान दूरी पर रोपाई होती है, जिससे फसल बेहतर बढ़ती है और रोगों की संभावना घटती है। चौहलदास साहू के अनुसार अब उन्हें प्रति एकड़ औसतन 31 क्विंटल धान की उपज मिल रही है। इसके साथ ही मज़दूरी पर निर्भरता कम हुई है, जिससे लागत भी घटी है।
अतिरिक्त कमाई का नया जरिया बनी मशीन
चौहलदास साहू ने अपनी मशीन से गांव के अन्य किसानों को भी सेवा दी और ₹3,500 प्रति एकड़ की दर से 40 एकड़ में काम कर ₹1.20 लाख की अतिरिक्त आमदनी अर्जित की है।
जिले में यंत्रीकरण को मिल रहा व्यापक बढ़ावा
राज्य सरकार ने धान रोपाई मशीन के साथ ही ट्रैक्टर, थ्रेशर, हार्वेस्टर, ड्रोन, स्प्रेयर, बीज ड्रिल और मल्चर जैसी मशीनों पर भी अनुदान देना शुरू किया है। राजनांदगांव जिले में अकेले ₹3.31 करोड़ की सब्सिडी किसानों को दी गई है।
नया युग: तकनीक आधारित खेती की ओर कदम
सरकार की इस पहल से राज्य के किसान पारंपरिक तरीकों से हटकर तकनीक-संवर्धित खेती की ओर बढ़ रहे हैं। इससे उनकी उत्पादकता, आय और आत्मनिर्भरता तीनों में सुधार हो रहा है।
