छत्तीसगढ़ में ‘जन विश्वास विधेयक’ पारित: व्यापार और जीवन को आसान बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम

रायपुर, 20 जुलाई 2025: भाजपा शासित छत्तीसगढ़ सरकार ने विधानसभा में ‘जन विश्वास विधेयक’ पारित कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिसका उद्देश्य आम नागरिकों और व्यापारियों के जीवन को आसान बनाना और व्यापार के माहौल को सुगम बनाना है। यह विधेयक छोटे तकनीकी उल्लंघनों को अपराध की श्रेणी से हटाकर उन्हें जुर्माने योग्य बनाता है।

सरकार का कहना है कि यह विधेयक ब्रिटिश काल के अप्रासंगिक कानूनों को समाप्त करते हुए न्यायिक प्रणाली पर बोझ कम करेगा और नागरिकों को मामूली गलतियों पर आपराधिक मुकदमों से राहत मिलेगी।

एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया, “राज्य सरकार ने एक ही प्रयास में 8 अधिनियमों की 163 धाराओं को संशोधित करते हुए उन्हें अपराध की श्रेणी से बाहर किया है। इससे अनावश्यक मुकदमों में कमी आएगी और भ्रष्टाचार व उत्पीड़न पर भी लगाम लगेगी।”

इस विधेयक के तहत जिन अधिनियमों में बदलाव किए जाएंगे, उनमें शहरी प्रशासन विभाग के कानून, नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट, छत्तीसगढ़ औद्योगिक संबंध अधिनियम, छत्तीसगढ़ उत्पाद अधिनियम और छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम शामिल हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लाए गए भारतीय न्याय संहिता के अनुरूप, छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश के बाद ऐसा करने वाला देश का दूसरा राज्य बन गया है। यह ‘विकसित भारत के लिए विकसित राज्य’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

राज्य सरकार ने विधेयक पारित करने से पहले कानूनी विशेषज्ञों, उद्योग संगठनों, व्यापारिक घरानों, अधिकारियों और अन्य हितधारकों से व्यापक सुझाव लिए थे।

यह पहल राज्य में व्यापार को बढ़ावा देने और नागरिकों को गैर-आपराधिक मामलों में न्यायिक उलझनों से बचाने में सहायक सिद्ध होगी। साथ ही गंभीर अपराधों पर सख्त सजा की व्यवस्था यथावत रहेगी।