अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर जीवनी आधारित नाट्य मंचन में शामिल हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, कहा – “वे सुशासन, सनातन और संस्कृति की प्रतीक थीं”

रायपुर, 19 जुलाई 2025: पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, रायपुर में आयोजित पुण्यश्लोक लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होलकर की जीवनी पर आधारित नाट्य मंचन समारोह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शिरकत की। इस भव्य आयोजन का आयोजन विश्व मांगल्य सभा द्वारा किया गया था।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होलकर का जीवन धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक पुनर्जागरण का प्रतीक है। उन्होंने भारत की सांस्कृतिक एकता को मजबूत करते हुए बद्रीनाथ, द्वारका, कांची, पुरी जैसे तीर्थ स्थलों पर मंदिरों और धर्मशालाओं का निर्माण कराया।

🛕 सनातन परंपरा की ध्वजवाहिका:

मुख्यमंत्री ने बताया कि महारानी अहिल्याबाई ने काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कर हिंदू समाज की आस्था को पुनर्जीवित किया। उन्होंने कहा कि जब मुगल शासक औरंगजेब द्वारा मंदिर तोड़ा गया था, तब यह पूरे देश के लिए गहरा आघात था। पेशवा माधवराव की अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए, अहिल्याबाई ने मंदिर का निर्माण करवाया और आध्यात्मिक भारत की पुनर्स्थापना में योगदान दिया।

🌟 संस्कृति और सेवा की प्रतिमूर्ति:

मुख्यमंत्री ने कहा कि अहिल्याबाई होलकर ने रामराज्य की अवधारणा को व्यवहार में उतारा। उनका प्रशासनिक, न्यायिक और जनकल्याणकारी दृष्टिकोण आज भी अनुकरणीय है। उन्होंने हरिद्वार से गंगाजल मंगवाकर कांची के मंदिर में अर्पण, द्वारका में धार्मिक निर्माण, और पुरी में धर्मशाला की स्थापना जैसी सांस्कृतिक एकता की पहल की।

🎭 प्रेरणादायी नाट्य मंचन:

कार्यक्रम में मंचित नाट्य प्रस्तुति ने अहिल्याबाई होलकर के जीवन के महान कार्यों को सजीव किया, जिससे नई पीढ़ी को प्रेरणा मिल सके।

🧾 प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति:

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, मंत्री केदार कश्यप, प्रदेश अध्यक्ष किरण देव साय, श्री अजय जामवाल, पवन साय, एवं अनेक विधायक, सांसद, निगम-मंडल प्रमुख तथा नागरिकगण उपस्थित थे।

कार्यक्रम की प्रस्तावना विश्व मांगल्य सभा की श्रीमती निकिता ताई द्वारा प्रस्तुत की गई।