ग्रेटर नोएडा: बीडीएस छात्रा ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लगाए फैकल्टी पर मानसिक उत्पीड़न के आरोप, वॉर्डन पर नोट छिपाने का आरोप

ग्रेटर नोएडा, 19 जुलाई 2025 – ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क थाना क्षेत्र स्थित एक निजी विश्वविद्यालय की बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा ज्योति ने गर्ल्स हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद विश्वविद्यालय परिसर में हड़कंप मच गया और छात्रों में जबरदस्त आक्रोश फैल गया।


📌 क्या है मामला?

पुलिस के मुताबिक, छात्रा का शव उसके हॉस्टल रूम में लटका हुआ मिला। सूचना पर फॉरेंसिक टीम और पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। परिजनों की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।


📝 सुसाइड नोट में सनसनीखेज आरोप

छात्रों के अनुसार, ज्योति ने एक सुसाइड नोट छोड़ा था जिसे हॉस्टल वार्डन ने छिपा दिया। बाद में छात्रों द्वारा सामने लाए गए नोट में दो फैकल्टी मेंबर—महिंदर सर और शैर्ग मैम—पर मानसिक उत्पीड़न और अपमान का आरोप लगाया गया है।

सुसाइड नोट के शब्द थे:

“अगर मैं मर जाऊं, तो पीसीपी और डेंटल मटीरियल के टीचर्स जिम्मेदार हैं। महिंदर सर और शैर्ग मैम ने मानसिक उत्पीड़न किया। उन्होंने मुझे कई बार अपमानित किया। मैं लंबे समय से तनाव में थी। मैं अब और नहीं जी सकती… माफ़ कीजिए।”


😠 छात्रों का आरोप: यूनिवर्सिटी प्रशासन चुप

छात्रों ने कहा कि प्रशासन की ओर से ना तो किसी ने छात्रों से बात की, ना ही परिजनों से संपर्क किया

एक छात्रा ने कहा:

“हम खाना खा रहे थे, तभी हमें पता चला कि ज्योति की मौत हो गई है। फिर हमें सुसाइड नोट मिला, लेकिन वार्डन ने उसे छिपा दिया था।”

एक अन्य छात्रा ने कहा:

“मैं अस्पताल गई थी, वहां ज्योति की लाश जमीन पर पड़ी थी। उसकी मां को संभाल रही थी। वहां की हालत बहुत खराब थी, न खाना अच्छा था, न सुरक्षा।”


👮‍♀️ पुलिस की कार्रवाई, गिरफ़्तारी

पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया:

“मामले की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल को कैंपस में तैनात किया गया है। छात्रों में नाराज़गी थी, लेकिन बातचीत कर माहौल को शांत किया गया।”


🧩 अभी भी कई सवाल अनुत्तरित

  • क्या विश्वविद्यालय ने छात्रा की मानसिक स्थिति पर कभी संज्ञान लिया?
  • सुसाइड नोट को छिपाने की कोशिश क्यों हुई?
  • क्या अन्य छात्र भी इसी तरह के उत्पीड़न से गुज़र रहे हैं?

छात्र अब न्याय और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।


📣 अब तक विश्वविद्यालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है।