पत्नी की कॉल डिटेल रिकॉर्ड मांगने की याचिका खारिज, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कहा- ‘यह निजता का उल्लंघन है’

रायपुर, 18 जुलाई 2025छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक पति द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उसने अपनी पत्नी की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) तक पहुंच की अनुमति मांगी थी। कोर्ट ने इसे निजता के अधिकार का उल्लंघन करार दिया और कहा कि विवाह का मतलब पति को पत्नी की व्यक्तिगत जानकारी तक स्वतः पहुंच नहीं देता

याचिकाकर्ता का दावा था कि शादी के कुछ सप्ताह बाद ही उसकी पत्नी का व्यवहार बदल गया और उसने ससुराल में मां और भाई के साथ दुर्व्यवहार किया। पति ने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 9 के तहत वैवाहिक अधिकारों की पुनर्स्थापना की याचिका भी दायर की थी। इसके बाद पत्नी ने घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई।

पति ने जनवरी 2024 में पुलिस और पारिवारिक न्यायालय में आवेदन देकर पत्नी के फोन रिकॉर्ड्स प्राप्त करने की मांग की थी, जिसमें उसने पत्नी और उसकी बहन के पति के बीच अवैध संबंध की आशंका जताई थी। पारिवारिक न्यायालय ने यह याचिका खारिज कर दी, जिसके बाद पति ने हाईकोर्ट का रुख किया।

🧑‍⚖️ हाईकोर्ट का स्पष्ट रुख: निजता सर्वोपरि

कोर्ट ने कहा:

“मौजूदा मामले में तलाक याचिका में व्यभिचार (adultery) का कोई सीधा आरोप नहीं है। पहली बार यह आरोप लिखित दलीलों में लगाए गए हैं। केवल संदेह के आधार पर किसी की निजता में दखल नहीं दिया जा सकता।”

कोर्ट ने यह भी कहा कि:

“पति अपनी पत्नी के मोबाइल पासवर्ड या बैंक खातों की जानकारी जबरन नहीं मांग सकता। ऐसा करना न सिर्फ निजता का उल्लंघन है बल्कि घरेलू हिंसा की श्रेणी में भी आ सकता है।”

📌 निजता का अधिकार: संविधानिक संरक्षण

कोर्ट ने न्यायिक मिसालों का हवाला देते हुए कहा कि:

“निजता का अधिकार व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता, वैवाहिक जीवन, प्रजनन, और यौनिक झुकाव की सुरक्षा करता है। इस अधिकार में किसी भी प्रकार की घुसपैठ संविधान द्वारा संरक्षित मौलिक अधिकारों का हनन मानी जाएगी।”