“टी एवं ई संवर्ग” में प्राचार्य पदों पर 30 जुलाई से पहले पदस्थापना आदेश जारी करें: संघर्ष मोर्चा की शासन से मांग

रायपुर, 18 जुलाई 2025
छत्तीसगढ़ राज्य में विगत 12 वर्षों से लंबित प्राचार्य पदोन्नति प्रक्रिया को लेकर “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” ने राज्य शासन से कड़ी मांग की है कि 30 जुलाई 2025 के पूर्व “टी एवं ई संवर्ग” में रिक्त समस्त प्राचार्य पदों पर काउंसलिंग प्रक्रिया पूर्ण कर पदोन्नति आदेश जारी किए जाएं।

प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग और लोक शिक्षण संचालनालय से आग्रह किया है कि प्राचार्य पदोन्नति को लेकर हाई कोर्ट में लंबित याचिकाओं का शीघ्र समाधान निकालकर पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू की जाए।

🔍 हाई कोर्ट का फैसला और वर्तमान स्थिति:

गौरतलब है कि माननीय हाईकोर्ट छत्तीसगढ़, बिलासपुर की डिवीजन बेंच ने 1 जुलाई 2025 को अपने ऐतिहासिक निर्णय में प्राचार्य पदोन्नति पर लगी रोक को हटा दिया था, जिससे पदोन्नति का मार्ग खुल गया। हालांकि, सिंगल बेंच में एक अन्य याचिका पर स्टे अभी भी प्रभावी है, जिसकी सुनवाई 23 जुलाई 2025 को प्रस्तावित है।

🔧 संघर्ष मोर्चा की प्रमुख मांगें:

  • 30 जुलाई 2025 से पूर्व काउंसलिंग प्रक्रिया निष्पक्ष रूप से पूर्ण की जाए।
  • रिक्त पदों पर तत्काल पदस्थापना आदेश जारी किए जाएं।
  • रिटायर हो चुके कर्मचारियों के स्थान पर प्रतीक्षा सूची से पात्र उम्मीदवारों को मौका दिया जाए।
  • स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 30 अप्रैल 2025 को जारी सूची का पुनरीक्षण कर अद्यतन सूची तैयार की जाए।

👨‍🏫 वरिष्ठ शिक्षकों की पीड़ा को मिले न्याय:

संघर्ष मोर्चा के अनुसार, हर माह 150 से 200 वरिष्ठ व्याख्याता एवं प्रधान पाठक बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ये शिक्षक 35 से 40 वर्षों की सेवा के बाद भी प्राचार्य बनने का अवसर नहीं पा रहे हैं। इसलिए न्यायसंगत और शीघ्र निर्णय की मांग लगातार उठ रही है।

📚 शिक्षा व्यवस्था को मिले मजबूती:

संघर्ष मोर्चा का मानना है कि पदोन्नति से विद्यालयों में पूर्णकालिक प्राचार्य की नियुक्ति होगी, जिससे शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ होगी और गुणवत्ता में सुधार आएगा।