रायपुर, 16 जुलाई 2025
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन धरसींवा विधायक एवं भाजपा नेता अनुज शर्मा ने अपने क्षेत्र एवं प्रदेश से जुड़े कई जनहित के महत्वपूर्ण मुद्दों को जोरदार तरीके से सदन में उठाया। उनके प्रश्नों पर संबंधित मंत्रियों ने विस्तृत जवाब दिए और कई मामलों में जल्द समाधान का आश्वासन भी दिया।
👮♂️ पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में तेजी का मुद्दा
विधायक अनुज शर्मा ने लंबित पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर सवाल किया। इस पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने जानकारी दी कि 5,976 पदों की भर्ती के लिए दस्तावेज़ और शारीरिक दक्षता परीक्षण पूरा हो चुका है। अब लिखित परीक्षा व्यापम के माध्यम से कराई जाएगी। मंत्री ने भरोसा दिलाया कि भर्ती प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाएगी, जिससे युवाओं को रोजगार मिलेगा।
🏥 मेकाहारा सुरक्षा और पार्किंग ठेका पर सवाल
विधायक शर्मा ने मेकाहारा (अंबेडकर अस्पताल) में सुरक्षा और वाहन पार्किंग व्यवस्था पर ठेका एजेंसी के विरुद्ध मिल रही लगातार शिकायतों का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि बार-बार शिकायत के बावजूद क्यों ठेका अवधि बढ़ाई गई।
इस पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि ठेका 30 जून 2024 तक था और कार्य संतोषजनक पाए जाने पर इसे नई निविदा प्रक्रिया तक बढ़ाया गया है।
🏘️ प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रगति
धरसींवा क्षेत्र के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1212 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से अब तक 349 आवासों को स्वीकृति मिली है। विधायक ने शेष आवेदनों की स्थिति स्पष्ट करने और स्वीकृति प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की।
🛣️ सड़क मरम्मत एवं निर्माण पर सवाल
अनुज शर्मा ने मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना और जर्जर सड़कों की हालत का मुद्दा भी सदन में उठाया। उन्होंने संबंधित विभाग से मरम्मत, निर्माण एवं संधारण कार्यों की विस्तृत जानकारी ली और ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की गुणवत्ता सुधारने की अपील की।
🏭 नलवा स्टील एंड पावर लिमिटेड पर ध्यानाकर्षण
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत विधायक ने नलवा स्टील एंड पॉवर लिमिटेड के खिलाफ क्षेत्र की जनभावनाओं और जनस्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई। उन्होंने सदन का ध्यान आकृष्ट करते हुए उद्योग को अनुमति न देने की मांग की, जिससे क्षेत्रीय लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर दुष्प्रभाव न पड़े।
📢 विधायक का सक्रिय हस्तक्षेप सराहनीय
विधायक अनुज शर्मा ने मानसून सत्र के दौरान अपने क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं को प्रभावी रूप से सदन में प्रस्तुत किया, जिससे जनता की आवाज़ विधानसभा तक पहुंची। उनकी पहल से न केवल सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे, बल्कि संबंधित विभागों को जवाबदेही का एहसास भी कराया गया।
