रायपुर, 16 जुलाई 2025:
छत्तीसगढ़ के कोण्डागांव जिले की बेटी रंजीता कोरेटी ने ताइपे (ताईवान) में आयोजित एशियन कैडेट जूडो चैंपियनशिप 2025 में गोल्ड मेडल जीतकर भारत और छत्तीसगढ़ का नाम अंतर्राष्ट्रीय खेल मंच पर रोशन किया है। छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद बालगृह बालिका कोण्डागांव की रंजीता ने कई देशों की खिलाड़ियों को हराकर यह ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
👏 मुख्यमंत्री ने दी बधाई, बेटियों को बताया प्रेरणा
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने रंजीता की इस असाधारण उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा,
“रंजीता की यह जीत केवल कोण्डागांव या छत्तीसगढ़ की नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण है। वह छत्तीसगढ़ की बेटियों की ताकत और उनकी संभावनाओं का प्रतीक हैं।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार बेटियों को खेल, शिक्षा और विकास के हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
🥋 खेल यात्रा: संघर्ष, समर्पण और सफलता की मिसाल
रंजीता की सफलता के पीछे उनका अथक परिश्रम, प्रशासनिक सहयोग और मार्गदर्शकों का निरंतर समर्थन रहा है। जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग और बालगृह की मदद से रंजीता को ITBP के सहयोग से जूडो प्रशिक्षण दिलवाया गया।
📈 प्रतियोगिता दर प्रतियोगिता ऊँचाइयाँ छूती गईं:
- 2021 – ओपन नेशनल जूडो टूर्नामेंट, चंडीगढ़ – 40 किग्रा वर्ग में शानदार प्रदर्शन
- 2022 – ओपन नेशनल जूडो, भोपाल – ब्रॉन्ज मेडल
- 2024 – खेलो इंडिया नेशनल, केरल – सिल्वर मेडल (52 किग्रा वर्ग)
- 2024 – खेलो इंडिया रीजनल, नासिक – गोल्ड मेडल
- 2024 – ओपन नेशनल, पुणे – गोल्ड मेडल (प्रमुख राज्यों को हराया)
- 2025 – खेलो इंडिया यूथ गेम्स, पटना – गोल्ड मेडल
🌍 अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी दिखाया दम:
- अप्रैल 2025 – कैडेट यूरोपियन कप, जॉर्जिया – 5वां स्थान
- 2025 – एशियन कैडेट जूडो, ताशकंद (उज़्बेकिस्तान) – उत्कृष्ट प्रदर्शन
- 12-15 जुलाई 2025 – एशियन कैडेट जूडो चैंपियनशिप, ताइपे (ताईवान) – गोल्ड मेडल
🎓 खेल और शिक्षा में संतुलन
जनवरी 2023 में रंजीता का चयन स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI), भोपाल में हुआ, जहाँ वह जूडो का उच्चस्तरीय प्रशिक्षण ले रही हैं और साथ ही शिक्षा भी जारी रखे हुए हैं।
🌟 प्रेरणा बनीं रंजीता, छत्तीसगढ़ की बेटियों की पहचान बनी
रंजीता कोरेटी की सफलता यह सिद्ध करती है कि यदि बेटियों को अवसर, संसाधन और सही मार्गदर्शन मिले, तो वे विश्व पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ सकती हैं। उनकी यह यात्रा राज्य के सभी बेटियों और युवाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है।
