रायपुर, 16 जुलाई 2025:
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित “मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान” के 12वें चरण ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक नया मॉडल प्रस्तुत किया है, जिसमें सक्रिय निगरानी, घर-घर स्क्रीनिंग और सामुदायिक भागीदारी को प्रमुख रणनीति के रूप में अपनाया गया है। यह जनभागीदारी आधारित स्वास्थ्य मॉडल अब राज्य को मलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में निर्णायक भूमिका निभा रहा है।
🔍 सर्वेक्षण और स्क्रीनिंग के प्रमुख आँकड़े
- 25 जून से 14 जुलाई 2025 तक हुए सर्वेक्षण में कुल 1,39,638 लोगों की मलेरिया जांच की गई।
- इनमें से 1,884 मरीज पॉजिटिव पाए गए, जिनमें से 1,165 मरीज (61.8%) बिना लक्षण (Asymptomatic) वाले थे।
- 75% से अधिक संक्रमित व्यक्ति बच्चे थे, जो मलेरिया के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं।
- 92% से अधिक केस Plasmodium falciparum (Pf) प्रकार के पाए गए, जो अधिक घातक होता है।
🌍 दूरस्थ और संवेदनशील क्षेत्रों में सफलता की मिसाल
📍 दंतेवाड़ा:
- 706 मलेरिया पॉजिटिव मरीजों की पहचान, जिनमें 574 बिना लक्षण के थे।
- यहां 12.06% लक्ष्य प्राप्ति दर दर्ज की गई — जो एक उल्लेखनीय सफलता है।
📍 सुकमा:
- 15,249 लोगों की जांच, 372 मरीज पॉजिटिव, जिनमें 276 Asymptomatic पाए गए।
- यह आँकड़े दिखाते हैं कि प्रो-एक्टिव स्क्रीनिंग मॉडल से साइलेंट संक्रमण चक्र को प्रभावी ढंग से तोड़ा जा रहा है।
🏠 स्क्रीनिंग और रोकथाम उपाय
- 27,266 घरों में स्क्रीनिंग टीमों की पहुँच।
- 1,247 गर्भवती महिलाओं की जांच, जिनमें सिर्फ 10 पॉजिटिव (0.08%)।
- 92% घरों में LLIN (लार्ज लास्टिंग मच्छरदानी) का उपयोग सुनिश्चित किया गया।
- Indoor Residual Spray कवरेज 68.73% तक पहुँचा।
- 614 घरों में मच्छर लार्वा पाए जाने पर त्वरित रासायनिक कार्रवाई की गई।
🗣️ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का संदेश
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग और जमीनी स्तर की टीमों को बधाई देते हुए कहा:
“बीमारी की प्रतीक्षा मत करो, बीमारी से पहले पहुँचो — यही हमारी सरकार की नीति है। यह अभियान मलेरिया उन्मूलन की दिशा में एक निर्णायक और अनुकरणीय प्रयास है।”
💡 स्वास्थ्य सेवा का नया मॉडल
यह अभियान यह सिद्ध करता है कि स्वास्थ्य सेवा केवल उपचार नहीं, बल्कि समयबद्धता, जनजागरूकता और पहुँच का संगठित रूप है। शासन द्वारा अपनाई गई वैज्ञानिक रणनीतियों जैसे:
- घर-घर स्क्रीनिंग
- लक्षण रहित रोगियों की पहचान
- मच्छर नियंत्रण और फॉलोअप
ने मलेरिया के फैलाव को रोकने में अहम भूमिका निभाई है।
🛡️ निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ सरकार का यह अभियान पूरे देश के लिए एक रोल मॉडल बन सकता है। जनजातीय और सुदूर क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा की पहुँच और सामुदायिक सहयोग से यह स्पष्ट है कि अगर रणनीति सही हो, तो संक्रमण की जड़ तक पहुँचना और उसे समाप्त करना संभव है।
राज्य सरकार इस अभियान के विस्तार और सशक्त क्रियान्वयन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, ताकि मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ सिर्फ एक लक्ष्य नहीं, बल्कि एक वास्तविकता बन सके।
