दुर्ग में होटल सागर इंटरनेशनल के मालिक के घर ED की छापेमारी, रेलवे कॉन्ट्रैक्ट, मिड-डे मील और रेल नीर घोटाले से जुड़े तार

दुर्ग, 16 जुलाई 2025:
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में आज सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) की बड़ी कार्रवाई से कारोबारी जगत में हड़कंप मच गया।
होटल सागर इंटरनेशनल के मालिक के दीपक नगर स्थित आवास पर तड़के सुबह 6 बजे ईडी की टीम ने छापा मारा।
यह कार्रवाई उन कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के तहत की गई है जो रेलवे कॉन्ट्रैक्ट्स, मिड-डे मील योजना और रेल नीर घोटाले से जुड़ी हो सकती हैं।


🔍 तीन इनोवा में पहुंची ईडी टीम, CRPF भी तैनात

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, ईडी अधिकारियों की टीम के साथ CRPF जवानों की सुरक्षा मौजूद थी।
तीन इनोवा गाड़ियों में आई टीम ने सीधे कारोबारी के घर को घेरा और अंदर जाकर वित्तीय दस्तावेजों, लेन-देन और अनुबंध से जुड़े रिकॉर्ड की गहन जांच शुरू की।


🧾 कई फर्मों का संचालन, मिड-डे मील से रहा जुड़ाव

इस कारोबारी समूह के नाम पर कई फर्में और संस्थाएं संचालित होती हैं।
सूत्रों के अनुसार, यह समूह पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में मिड डे मील योजना का बड़ा अनुबंधकर्ता रह चुका है।
संभावना जताई जा रही है कि सरकारी फंड के दुरुपयोग और मनमाने अनुबंध से जुड़े पहलुओं की ईडी पड़ताल कर रही है।


🚆 रेल नीर घोटाले से भी जुड़े तार?

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस कारोबारी परिवार का नाम पहले सामने आए रेल नीर घोटाले से भी जुड़ा रहा है।
हालांकि इस परिवार के तीन भाइयों में अब संपत्ति और व्यवसाय का बंटवारा हो चुका है, फिर भी अभी यह स्पष्ट नहीं है कि
ईडी की रेड किस भाई से संबंधित परिसरों पर हुई


🏨 राजधानी रायपुर तक पहुंचेगी कार्रवाई?

गौरतलब है कि इसी कारोबारी परिवार के पास रायपुर में स्थित फाइव स्टार होटल ‘कोर्टयार्ड मैरियट’ भी है।
ऐसे में अटकलें तेज हैं कि ईडी की कार्रवाई केवल दुर्ग तक सीमित नहीं रह सकती, बल्कि जल्द ही यह राजधानी रायपुर तक भी फैल सकती है


💬 आगे की कार्रवाई पर निगाह

अभी तक ईडी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि यह छापेमारी अत्यधिक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और डिजिटल डेटा की जब्ती के इरादे से की जा रही है।
अगले कुछ दिनों में पूरे कारोबारी नेटवर्क की जांच की संभावना जताई जा रही है।


निष्कर्ष:
दुर्ग में हुई यह ईडी की कार्रवाई सिर्फ एक रेड नहीं, बल्कि व्यापक आर्थिक जांच का संकेत हो सकती है।
रेलवे, शिक्षा और खानपान योजनाओं जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में संभावित भ्रष्टाचार के खिलाफ यह सख्त कदम
प्रदेश में ईमानदार प्रशासनिक प्रणाली की दिशा में एक मजबूत संदेश दे रहा है।