भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष से धरती पर लौटे, बोले – “आज का भारत आत्मविश्वासी, निडर और गर्वित है”

नई दिल्ली, 15 जुलाई 2025भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर कदम रखने वाले पहले भारतीय बने थे, सफल मिशन के बाद धरती पर लौट आए हैं। उनका यह ऐतिहासिक अभियान भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है।

🌍 स्पेस से वापसी:
Axiom Space द्वारा संचालित Axiom-4 (Ax-4) मिशन सोमवार को ISS से अलग हुआ और मंगलवार को भारतीय समय अनुसार दोपहर 3:01 बजे (GMT 09:31) कैलिफोर्निया तट के पास समुद्र में सफलतापूर्वक लैंडिंग हुई।

Ax-4 मिशन की अगुवाई नासा की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन ने की, और शुभांशु शुक्ला इसके पायलट रहे। उनके साथ पोलैंड के स्लावोस उज़नांस्की और हंगरी के टिबोर कपु भी शामिल थे।


🌌 अंतरिक्ष में भारत का परचम

शुभांशु शुक्ला ने 26 जून को ISS पर कदम रखा था और भारत के लिए कई वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम दिया। यह मिशन:

  • नासा, ISRO, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) और स्पेसX का संयुक्त अभियान था।
  • मिशन के दौरान 60 वैज्ञानिक प्रयोग किए गए, जिनमें से 7 प्रयोग इसरो द्वारा डिजाइन किए गए थे।

🇮🇳 शुभांशु शुक्ला का संदेश:

अपनी विदाई में उन्होंने कहा:

“आज का भारत महत्वाकांक्षी है, निडर है, आत्मविश्वासी है और गर्व से भरा हुआ है। इसलिए आज भी कह सकता हूँ — ‘सारे जहां से अच्छा, हिंदोस्तां हमारा।'”

उन्होंने अंतरिक्ष से भारत को “खूबसूरत, साहसी और सपनों से भरा हुआ” बताया।


🧑‍🚀 कौन हैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला?

  • जन्म: 10 अक्टूबर 1985, लखनऊ
  • वायुसेना में भर्ती: 2006
  • फाइटर पायलट: मिग, सुखोई, डोर्नियर, जैगुआर और हॉक उड़ाए
  • उड़ान अनुभव: 2,000 घंटे से अधिक
  • गगनयान मिशन के लिए 4 शॉर्टलिस्टेड भारतीयों में से एक

उन्होंने स्पेस में जाने से पहले कहा था:

“मैं सिर्फ उपकरण लेकर नहीं जा रहा, मैं एक अरब भारतीयों की उम्मीदें और सपने लेकर जा रहा हूं।”


🇮🇳 ISRO की बड़ी योजना

  • इसरो ने इस मिशन के लिए ₹500 करोड़ (59 मिलियन डॉलर) खर्च किए।
  • गगनयान मिशन 2027 में मानव को अंतरिक्ष भेजने की योजना
  • 2035 तक भारत का खुद का स्पेस स्टेशन
  • 2040 तक भारतीय को चंद्रमा पर भेजने का लक्ष्य