गोकार्णा की गुफा में रूसी महिला अपनी दो बेटियों के साथ रह रही थी, पुलिस ने रेस्क्यू किया

कर्नाटक, 15 जुलाई 2025 — कर्नाटक के गोकार्णा स्थित रामतीर्थ पर्वत की एक गुफा में रह रही रूसी महिला निना कुटीना उर्फ मोही और उनकी दो नाबालिग बेटियों को पुलिस ने हाल ही में एक लैंडस्लाइड के बाद गश्त के दौरान खोज निकाला। यह घटना सामने आने के बाद स्थानीय प्रशासन, बाल कल्याण विभाग और विदेश मंत्रालय सक्रिय हो गया है।


🕊️ मानसिक शांति के लिए गुफा में रहने का दावा

40 वर्षीय निना कुटीना, जो 2016 में भारत आई थीं, ने पुलिस को बताया कि वह पहले भी 2-3 बार इसी गुफा में रह चुकी हैं। उन्होंने कहा कि वह “मानसिक शांति” के लिए प्रकृति के बीच रहती हैं और 20 से अधिक देशों के जंगलों में जीवन जीने का अनुभव रखती हैं।

“यह कोई नया स्थान नहीं है, मैं पहले भी यहां रह चुकी हूं। मेरी बेटियाँ भारत में ही पैदा हुई हैं। हम प्रकृति से प्रेम करते हैं और गुफा कोई खतरनाक स्थान नहीं था,” — निना


🧒 गुफा में बच्चों के साथ जीवन

पुलिस निरीक्षक ने बताया कि जब टीम गुफा तक पहुंची, तो देखा कि निना एक टिमटिमाती लैम्प की रोशनी में अपनी बड़ी बेटी को पढ़ा रही थीं, जबकि छोटी बच्ची बिना कपड़ों के घूम रही थी। गुफा के आसपास सांप, तेंदुआ और जंगली सूअर जैसे खतरे थे।

“बच्चों की सुरक्षा के लिए यह स्थान उपयुक्त नहीं था, इसलिए हमने उन्हें शांतिपूर्वक समझा-बुझाकर बाहर निकाला,” — SP एम नारायण


🧳 वीज़ा समाप्त, नेपाल होते हुए फिर भारत में प्रवेश

  • निना 2016 में बिजनेस वीज़ा पर भारत आई थीं, जो 2017 में समाप्त हो गया।
  • इसके बाद वह गोवा में एक रिसॉर्ट में काम करती थीं, लेकिन विवाद के बाद नेपाल चली गईं और फिर गोकर्णा के जंगलों में लौट आईं
  • अधिकारियों ने गुफा क्षेत्र से पासपोर्ट और वीज़ा दस्तावेज बरामद किए हैं।

🛖 गुफा का जीवन: सोशल मीडिया पर भी किया साझा

निना ने हाल ही में सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा:

“हमारा शांतिपूर्ण गुफा जीवन समाप्त हो गया है… अब हम एक ऐसे स्थान पर हैं जहाँ ना आकाश है, ना घास, ना झरना।”

उन्होंने बताया कि वे पास के गाँव से खाना खरीदते थे और झरने में स्नान करते थे। उन्होंने किसी भी भोजन या जीवन के संकट से इनकार किया।


🏡 फिलहाल कहां हैं निना और उनके बच्चे?

फिलहाल, निना और उनके बच्चे उत्तर कन्नड़ जिले के बंकिकोडला गाँव में स्थित एक आश्रम में महिला एवं बाल कल्याण विभाग की निगरानी में हैं।

  • आश्रम की देखरेख 80 वर्षीय स्वामी योगरत्ना सरस्वती कर रहे हैं।
  • मामले को अब FRRO (Foreigners Regional Registration Office) बेंगलुरु को सौंपा गया है, जो रूसी दूतावास से संपर्क कर आगे की कार्रवाई करेगा।