नई दिल्ली, 15 जुलाई 2025 — भारतीय नर्स निमिषा प्रिया, जिन्हें यमन में एक व्यक्ति की हत्या के आरोप में मौत की सज़ा सुनाई गई थी, की फांसी 16 जुलाई को होनी थी, लेकिन अब उसे स्थगित कर दिया गया है। इस निर्णय के पीछे भारत के ग्रैंड मुफ्ती शेख कंथापुरम ए.पी. अबूबकर मुस्लियार के मानवीय प्रयासों की अहम भूमिका रही।
🕌 इस्लाम में क्षमा की व्यवस्था और यमन के इस्लामिक विद्वानों की भूमिका
ग्रैंड मुफ्ती अबूबकर मुस्लियार ने बताया कि इस्लामिक कानून में ऐसी व्यवस्था है कि यदि किसी को मौत की सज़ा दी जाती है, तो पीड़ित परिवार उसे क्षमा कर सकता है। उन्होंने कहा:
“इस्लाम में एक कानून है, जिसमें मृत्युदंड पाने वाले अपराधी को पीड़ित परिवार क्षमा कर सकता है। मैं उस परिवार को नहीं जानता, लेकिन मैंने यमन के जिम्मेदार इस्लामिक विद्वानों से संपर्क किया और उन्हें पूरी स्थिति समझाई।”
मुस्लियार ने कहा कि यमन के विद्वानों ने इस पर बैठक की और हस्तक्षेप का निर्णय लिया। इसके बाद एक आधिकारिक दस्तावेज़ भेजा गया, जिसमें सूचित किया गया कि फांसी की तारीख को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
📨 भारत सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय को दी गई जानकारी
ग्रैंड मुफ्ती ने कहा कि उन्होंने इस प्रक्रिया के बारे में भारत सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय को भी सूचित किया है। एक औपचारिक पत्र पीएमओ को भी भेजा गया है।
🧑⚖️ कौन हैं निमिषा प्रिया और क्या है मामला?
निमिषा प्रिया एक भारतीय नर्स हैं जो 2017 में यमन में गिरफ्तार की गई थीं। आरोप है कि उन्होंने अपने व्यवसायिक साझेदार एक यमनी नागरिक की हत्या कर दी थी।
- 2020 में यमन की अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी।
- नवंबर 2023 में सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने उनकी अंतिम अपील भी खारिज कर दी थी।
अब जबकि फांसी को स्थगित किया गया है, यह पीड़ित परिवार के साथ क्षमा संबंधी बातचीत को आगे बढ़ाने का एक मानवीय अवसर बन चुका है।
✍️ ग्रैंड मुफ्ती का मानवीय संदेश
ग्रैंड मुफ्ती ने कहा:
“इस्लाम मानवता को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। हम कोशिश कर रहे हैं कि इस धार्मिक भावना के तहत समाधान निकाला जाए। उम्मीद है कि आगे की बातचीत सकारात्मक दिशा में बढ़ेगी।”
