खरीफ 2025 से लागू होगी कृषक उन्नति योजना, फसल विविधिकरण को मिलेगा प्रोत्साहन, मिलेगी 11 हजार रुपये प्रति एकड़ की आदान सहायता

दुर्ग, 14 जुलाई 2025:
छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीफ 2025 से किसानों के लिए “कृषक उन्नति योजना” के तहत बड़ी राहत और प्रोत्साहन की घोषणा की है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को धान के साथ अन्य वैकल्पिक फसलों जैसे दलहन, तिलहन, मक्का, लघु धान्य (कोदो, कुटकी, रागी) एवं कपास की ओर प्रोत्साहित करना है। इसके लिए किसानों को ₹10,000 से ₹11,000 प्रति एकड़ तक की आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी।


🌾 विविध फसलें उगाने वालों को 10,000 रुपये प्रति एकड़ की सहायता

जो किसान धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसलें (जैसे दलहन, तिलहन, मक्का, कोदो, कुटकी, रागी और कपास) ले रहे हैं, उन्हें ₹10,000 प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि मिलेगी।


📌 पूर्व में धान बेच चुके किसानों को मिलेगा 11,000 रुपये प्रति एकड़

विगत खरीफ में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे किसान जिन्होंने सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान बेचा हो और इस खरीफ में वैकल्पिक फसलें उगाई हों, उन्हें ₹11,000 प्रति एकड़ की दर से आदान सामग्री सहायता दी जाएगी।

हालांकि इसके लिए एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन और गिरदावरी में फसल रकबे की पुष्टि अनिवार्य है।


🗓️ 31 अक्टूबर 2025 तक अनिवार्य पंजीयन

कृषि विभाग ने स्पष्ट किया है कि योजना का लाभ उठाने के लिए 31 अक्टूबर 2025 तक संबंधित सहकारी समिति के माध्यम से एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन कराना अनिवार्य है।


🚫 किन्हें नहीं मिलेगा योजना का लाभ?

  • ट्रस्ट, मंडल, प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां,
  • शाला विकास समितियां,
  • केंद्र एवं राज्य शासन के संस्थान
    इन सभी को योजना के लाभ से वंचित रखा गया है।

💡 योजना के उद्देश्य

  • फसल विविधिकरण को बढ़ावा देना
  • कृषि लागत में कमी, उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि
  • कृषकों की आय और जीवन स्तर में सुधार
  • उन्नत बीज, कीटनाशक, यांत्रिकीकरण और तकनीक में निवेश को प्रोत्साहन
  • असिंचित क्षेत्रों में स्थिर कृषि आय सुनिश्चित करना

छत्तीसगढ़ का अधिकांश क्षेत्र वर्षा आधारित है, जिससे मौसम की अनिश्चितता के चलते किसान कृषि आदान पर समुचित निवेश नहीं कर पाते। इस चुनौती को देखते हुए राज्य शासन ने कृषक उन्नति योजना की शुरुआत की है, जो खरीफ 2025 से लागू होगी।


📢 कृषकों से अपील

सरकार ने सभी किसानों से आग्रह किया है कि वे समय रहते पंजीयन कर योजना का लाभ उठाएं। यह योजना न केवल उन्हें आर्थिक राहत देगी बल्कि नई तकनीकों और वैकल्पिक फसलों की ओर आकर्षित भी करेगी।