रायपुर, 14 जुलाई 2025:
छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर स्थित दण्डकारण्य अरण्य भवन में आज जैव विविधता और आर्द्रभूमियों (Wetlands) के संरक्षण को लेकर एक उच्चस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव और श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप समेत कैबिनेट के सभी मंत्री एवं कई विधायक उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री का संबोधन: ‘वेटलैण्ड मित्र’ बनाएं पर्यावरण को जनआंदोलन
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि “विकसित छत्तीसगढ़ की कल्पना केवल आधारभूत ढांचे के निर्माण से नहीं, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन और जैव विविधता की रक्षा से ही संभव है।” उन्होंने हर जनप्रतिनिधि और नागरिक से “वेटलैण्ड मित्र” बनने का आह्वान करते हुए इसे जनआंदोलन का रूप देने की अपील की।

वन मंत्री ने दी जैव संरक्षण की जरूरत पर जोर
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि जैव विविधता और वेटलैंड्स का संरक्षण केवल एक पर्यावरणीय जरूरत नहीं, बल्कि यह हमारी भावी पीढ़ियों की सुरक्षा से जुड़ा प्रश्न है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अधिकाधिक सहभागिता की अपील की।
विस्तृत प्रस्तुतियाँ: जैव विविधता अधिनियम और समितियों की भूमिका
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष श्री राकेश चतुर्वेदी ने व्यापक प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया:
- 1992 में हुए अर्थ समिट से लेकर
- भारत के जैव विविधता अधिनियम 2002,
- राष्ट्रीय जैव विविधता बोर्ड की भूमिका
- और जैव विविधता प्रबंधन समितियों (BMCs) के कार्यों की विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ देश का तीसरा राज्य है, जहां BMCs प्रभावी ढंग से कार्यरत हैं।
वेटलैंड्स का संरक्षण: रामसर साइट की दिशा में छत्तीसगढ़
प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री अरुण कुमार पाण्डेय ने बताया कि वेटलैंड्स पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने:
- राज्य आर्द्रभूमि प्राधिकरण की कार्यप्रणाली,
- जिला स्तरीय वेटलैंड संरक्षण समितियों के गठन,
- और स्थानीय निगरानी तंत्र की जानकारी साझा की।
उन्होंने बताया कि:
- गिधवा-परसदा पक्षी अभ्यारण्य को रामसर साइट घोषित किए जाने की पूरी पात्रता है।
- बलौदाबाजार जिले का खोखरा ग्राम, छत्तीसगढ़ की पहली संभावित रामसर साइट के रूप में सूचीबद्ध होने की प्रक्रिया में है।
जनप्रतिनिधियों से ‘वेटलैण्ड मित्र’ बनने की अपील
कार्यशाला के समापन अवसर पर सभी विधायकों, मंत्रियों एवं अधिकारियों से “वेटलैण्ड मित्र” बनने और जैव विविधता एवं वेटलैंड्स संरक्षण के अभियान में सक्रिय भागीदारी की अपील की गई।
उपस्थित प्रमुख अधिकारी
- मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन
- अपर मुख्य सचिव (वन) श्रीमती ऋचा शर्मा
- वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव
- जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव श्री राजेश कुमार चंदेले
- अन्य वरिष्ठ अधिकारी और पर्यावरण विशेषज्ञ भी कार्यशाला में सम्मिलित हुए।
निष्कर्ष
यह कार्यशाला न केवल पर्यावरणीय चेतना को सशक्त बनाने का माध्यम बनी, बल्कि जैव विविधता और वेटलैंड्स संरक्षण को जनभागीदारी से जोड़ने का सशक्त मंच भी सिद्ध हुई। छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास आने वाले वर्षों में हरित और संतुलित विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
