रायपुर, 14 जुलाई 2025: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन कृषि इनपुट्स की कमी को लेकर विपक्षी कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कांग्रेस के वरिष्ठ विधायकों ने शून्यकाल में राज्य में खाद और बीज की किल्लत का मुद्दा उठाया और सरकार पर कृषि गतिविधियों को प्रभावित करने का आरोप लगाया।
DAP और यूरिया की भारी कमी का आरोप
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि DAP और यूरिया खाद की भारी किल्लत के कारण किसान परेशान हैं।
- DAP वितरण का लक्ष्य वर्ष 2025 की खरीफ फसल के लिए 3.10 लाख मीट्रिक टन था, जो कि 2024 के मुकाबले 30,000 टन कम है।
- अभी तक केवल 1.01 लाख मीट्रिक टन DAP ही वितरित किया गया है।
- यूरिया का लक्ष्य 7.12 लाख मीट्रिक टन था, जबकि अब तक केवल 3.59 लाख मीट्रिक टन ही वितरित किया गया है।
कांग्रेस ने सरकार पर DAP का लक्ष्य धोखे से घटाने और किसानों को जानबूझकर संकट में डालने का आरोप लगाया।
बीज की मांग और भंडारण में अंतर
कांग्रेस का दावा है कि
- धान बीज की मांग 4,32,159 क्विंटल थी, जबकि सहकारी समितियों में केवल 3,83,169 क्विंटल ही उपलब्ध हैं।
- निजी दुकानों में खाद उपलब्ध है लेकिन काला बाजारी हो रही है, जिससे गरीब और सीमांत किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
कांग्रेस ने राज्य और केंद्र की डबल इंजन भाजपा सरकारों को इस संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया।
सरकार का जवाब: पर्याप्त भंडारण, वैकल्पिक उर्वरक उपलब्ध
कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा:
- फॉस्फेटिक उर्वरकों की आपूर्ति आयात पर निर्भर है और वैश्विक परिस्थितियों के कारण बाधाएं आई हैं।
- इसके बावजूद 6.40 लाख मीट्रिक टन फॉस्फेटिक उर्वरक का भंडारण हो चुका है और 4.25 लाख मीट्रिक टन से अधिक किसानों ने उठाया भी है।
- यूरिया का भी 6 लाख मीट्रिक टन से अधिक भंडारण है, और 4.37 लाख मीट्रिक टन से अधिक किसानों को वितरित किया गया है।
मंत्री ने बताया कि
- नैनो यूरिया और नैनो DAP का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है और 1.79 लाख बोतलें (500ml) सहकारी व निजी केंद्रों में उपलब्ध हैं।
- 4,81,730 क्विंटल बीज सहकारी समितियों और विभाग के माध्यम से भंडारित किया गया था, जिसमें से 4,43,452 क्विंटल किसानों ने उठा लिया है।
हंगामा, निलंबन और पुनः बहाली
नेता प्रतिपक्ष के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने सदन के वेल में आकर नारेबाजी की।
अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कांग्रेस का स्थगन प्रस्ताव खारिज कर दिया और हंगामे के बीच सदन को पांच मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा।
सत्र के दोबारा शुरू होने पर अध्यक्ष ने विपक्षी विधायकों का स्वचालित निलंबन घोषित किया, जिसे बाद में वापस ले लिया गया।
